scorecardresearch
Saturday, 20 April, 2024
होमदेशविद्युत परियोजना भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की छापेमारी

विद्युत परियोजना भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की छापेमारी

Text Size:

नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड को 2200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य के ठेके देने में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में देशभर में 17 स्थानों पर छापेमारी की।

साल 2019 में इस परियोजना में कथित भ्रष्टाचार का मामला जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उठाया था।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि बिचौलियों और परियोजना में शामिल लोगों के श्रीनगर में दो स्थानों, जम्मू में पांच, दिल्ली में पांच, मुंबई में तीन, पटना और दरभंगा के एक-एक परिसर में छापेमारी की गई।

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई को तीन महीने की जांच के दौरान चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (पी) लिमिटेड के तत्कालीन अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी सहित आरोपी नौकरशाहों और बिचौलियों के बीच कुछ वित्तीय लेनदेन का पता चला है जिसके बाद छापेमारी की गई।

सीबीआई प्रवक्ता आर. सी. जोशी ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, तत्कालीन अध्यक्ष सहित बिचौलियों की कथित भूमिका और इन बिचौलियों और सरकारी अधिकारियों के बीच वित्तीय लेनदेन का खुलासा करने वाले सबूत पाए गए है। इसलिए छापेमारी की जा रही है।’’

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने मुंबई में पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल, विजय गुप्ता, अमरेंद्र कुमार सिंह और शाहिद अहमद कमिली समेत अन्य के परिसरों में भी छापेमारी की है।

मलिक 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के पद पर थे। मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइल को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

मलिक ने कहा था, ‘‘कश्मीर जाने के बाद, दो फाइल (मंजूरी के लिए) मेरे पास भेजी गई थीं, एक अंबानी की और दूसरी आरएसएस से जुड़े व्यक्ति की, जो महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार में मंत्री थे और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के बहुत करीब होने का दावा करते थे।’’

मलिक ने पिछले साल अक्टूबर में राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में एक सभा में कहा था, ‘‘मुझे दोनों विभागों के सचिवों द्वारा सूचित किया गया था कि एक घोटाला है और मैंने तदनुसार दोनों सौदे रद्द कर दिए। सचिवों ने मुझसे कहा कि ‘आपको प्रत्येक फाइल को मंजूरी देने के लिए 150 करोड़ रुपये मिलेंगे’ लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं पांच कुर्ता-पायजामा साथ लेकर आया हूं और उसी के साथ वापस जाऊंगा।’’

सीबीआई ने किरू जलविद्युत परियोजना के सिविल कार्य पैकेज के लिए ठेका देने में कथित कदाचार के संबंध में इस साल अप्रैल में दर्ज प्राथमिकी में कहा था कि ई-निविदा से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सीबीआई ने छापेमारी भी की थी।

जोशी ने पहले कहा था, ‘किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों के लिए 2019 में एक निजी कंपनी को (लगभग) 2,200 करोड़ रुपये का ठेका देने में कदाचार के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।’’

एजेंसी ने नवीन कुमार चौधरी, पूर्व एमडी एम. एस. बाबू, पूर्व निदेशकों एम. के. मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा तथा पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

भाषा नोमान वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments