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Thursday, 25 April, 2024
होमदेशJ&K बैंक के खिलाफ CBI के आरोप- निचली बोलियां नजरअंदाज की, 100 करोड़ के नुकसान पर खरीदी मुंबई की इमारत

J&K बैंक के खिलाफ CBI के आरोप- निचली बोलियां नजरअंदाज की, 100 करोड़ के नुकसान पर खरीदी मुंबई की इमारत

एफआईआर के अनुसार, बैंक ने अपने अधिकारियों और आकृति गोल्ड बिल्डर्स के मालिकों के बीच 'आपराधिक साजिश' के एक हिस्से के रूप में 'वेंडर को अनुचित लाभ देने के लिए' ऊंचीं कीमत पर यह संपत्ति खरीदी.

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नई दिल्ली: साल 2010 में कम बोलियों की अनदेखी करते हुए मुंबई की एक संपत्ति को कथित तौर पर बढ़ी हुई कीमत पर खरीदने के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जम्मू और कश्मीर (जेएंडके) बैंक के कुछ पूर्व अधिकारियों की जांच की जा रही है.

यह खरीद कथित तौर पर बैंक के लिए एक एकीकृत कार्यालय स्थापित करने के लिए की गई थी, हालांकि उसके पास पहले से ही मुंबई में परिचालन के लिए जरूरी पर्याप्त जगह उपलब्ध थी.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह दावा किया है कि बैंक ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में ‘आकृति गोल्ड बिल्डर्स’ से एक इमारत को अन्य शॉर्टलिस्ट किए गए बिल्डरों की तुलना में बहुत अधिक दर पर खरीदा, जिससे इसे 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ऐसा करते हुए इस बैंक के अधिकारियों ने खुद को ‘आकृति गोल्ड’ के मालिकों के साथ एक ‘आपराधिक साजिश’ में शामिल किया.

जेएंडके बैंक एक राष्ट्रीयकृत बैंक है जो केंद्रीय वित्त मंत्रालय के स्वामित्व में संचालित होता है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से कथित तौर पर इसी बैंक से जुड़े एक अन्य भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ के करीब एक महीने बाद, सीबीआई ने जम्मू, श्रीनगर और मुंबई में आठ स्थानों पर छापेमारी की.

सीबीआई ने एक बयान में कहा कि यह छापेमारी पिछले साल 11 नवंबर को जेएंडके बैंक द्वारा ‘आकृति गोल्ड बिल्डिंग’ की खरीद में की गई अनियमितता के आरोपों को लेकर एजेंसी द्वारा दर्ज एक मामले के सिलसिले में की गई थी.

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बयान में आगे कहा गया है, ‘छापे के दौरान की गई तलाश में आपत्तिजनक दस्तावेज, वस्तुएं और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, कई बैंक खाते के विवरण तथा बैंक लॉकर की चाबियां बरामद की गई हैं.’

सीबीआई द्वारा तलाशी गई जगहों में से एक जम्मू-कश्मीर बैंक के पूर्व अध्यक्ष हसीब द्राबू का आवास भी था. द्राबू ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्री वाले कार्यकाल के दौरान वित्तमंत्री के रूप में भी काम किया था.

बैंक के निदेशक मंडल की एस्टेट समिति (संपदा समिति) के अन्य सदस्यों – जिनमें बैंक के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक, ए.के. मेहता, तथा तत्कालीन निदेशक मोहम्मद लब्राहिम शाहदाद और विक्रांत कुठियाला शामिल हैं – की भी सम्पत्तियों की तलाशी ली गई.

जांच एजेंसी ने इससे पहले इसी मामले के सिलसिले में कोलकाता, मुंबई और हैदराबाद के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी.


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बैंक और आकृति गोल्ड के मालिकों के बीच ‘आपराधिक साजिश’

सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास भी है, के अनुसार जेएंडके बैंक के अधिकारियों और आकृति गोल्ड के मालिक के बीच ‘आपराधिक साजिश’ के हिस्से के रूप में बैंक ने ‘वेंडर को अनुचित लाभ देने के मकसद’ से बीकेसी में ऊंची कीमत पर ‘आकृति गोल्ड बिल्डर्स’ से संपत्ति खरीदी.

नवंबर 2008 में, बैंक ने बीकेसी में 20,000 वर्ग फुट का एक ऑफिस स्पेस (कार्यालय हेतु जगह) खरीदने में रुचि व्यक्त करते हुए एक विज्ञापन निकाला था. इस विज्ञापन के जवाब में 25 बिल्डरों की तरफ से प्रतिवेदन मिले. इन्हीं प्रतिवेदनों में से आठ संपत्तियों को शॉर्टलिस्ट किया गया, जिनमें आशापुरा बिल्डर्स (हॉलमार्क बिजनेस प्लाजा), टोपाज आकृति क्रेसेनजो (बीकेसी), प्लेटिना बीकेसी, नमन सेंटर, गोल्डन होमलैंड एजेंसीज (वॉकहार्ट), विंडसर और केआरसी टावर्स शामिल थीं.

इन आठ शॉर्टलिस्ट किए गए प्रस्तावों में, आशापुरा बिल्डर्स की बोली सबसे कम यानि की 25,000 रुपये प्रति वर्ग फुट थी. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि जुलाई 2009 में, आशापुरा बिल्डर्स ने बैंक को अपनी इमारत की तीसरी मंजिल पर 22,500 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से 30,000 वर्ग फुट ऑफिस स्पेस देने की पेशकश की थी. इसमें आगे कहा गया है कि हालांकि इस संबंध में एक समिति का गठन किया गया था, परन्तु अनुबंध को अंतिम रूप नहीं दिया गया था.

जनवरी 2010 में, बैंक ने अंधेरी और उसके आसपास ऑफिस स्पेस (25,000-30,000 वर्ग फुट) और आवासीय अपार्टमेंट के लिए एक और विज्ञापन निकाला. इसे 23 बोलीदाताओं की तरफ से प्रतिक्रियाएं मिलीं और आशापुरा बिल्डर्स एक बार फिर सबसे कम बोली लगाने वाला था.

एफआईआर कहती है, ‘यह पाया गया है कि 25 फरवरी, 2010 को आयोजित निदेशक मंडल की बैठक में, एस्टेट कमिटी के निदेशक ने बोर्ड के सदस्यों को एस्टेट कमिटी द्वारा आयोजित शॉर्टलिस्ट की गई संपत्तियों के स्थल निरीक्षण (साइट इंस्पेक्शन) के बारे में जानकारी दी. सदस्यों को सूचित किया गया कि शॉर्टलिस्ट की गई संपत्तियों में से ‘आकृति गोल्ड ही बैंक की आवश्यकताओं को पूरा करती है.’

सितंबर 2010 में जम्मू-कश्मीर बैंक ने आकृति गोल्ड के साथ करीब 1.80 करोड़ रुपये का सौदा किया.

एसीबी और ईडी के रडार पर भी है जम्मू-कश्मीर बैंक

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी), जम्मू और कश्मीर ने भी पूर्व में जम्मू-कश्मीर बैंक और उसके अधिकारियों के खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज की थीं. बैंक के पूर्व अध्यक्ष परवेज अहमद नेंगरू को पिछले साल अप्रैल में हाउसकीपिंग (परिसरों की देखरेख) के लिए निविदाओं के अवैध आवंटन, जिससे बैंक को करोड़ों का नुकसान हुआ था, के एक मामले में एसीबी द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

पिछले साल अगस्त में, जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा यह मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था. इस बीच, ईडी ने भी इस आरोपों के संबर्भ में मनी लॉन्ड्रिंग (काले धन को वैध बनाना) से जुड़ी जांच शुरू की. इसी मामले के संबंध में, ईडी ने इस साल अप्रैल में इस बैंक, जो 2019 से ही ऋण वितरण, नियुक्तियों और कामकाज में कथित अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में है, के निदेशकों की नियुक्तियों को लेकर उमर अब्दुल्ला से पूछताछ की.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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