नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बुधवार को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश बजट को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दलों के मुख्यमंत्रियों ने इसे ‘अमृतकाल’ का पहला बजट बताकर सराहा, जबकि विपक्ष शासित राज्यों के नेताओं ने इसे किसान, गरीब और जन विरोधी बताया।
पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के साथ-साथ विपक्षी कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने बजट की आलोचना की।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पहले, गणतंत्र दिवस पर राज्य की झांकी को ‘परेड से बाहर रखा गया’, अब पंजाब को केंद्रीय बजट में ‘पूरी तरह से नजरअंदाज’ कर दिया गया।
उन्होंने ‘पंजाब विरोधी, जनविरोधी, किसान विरोधी और दिशाहीन’ बजट पेश करने के लिए केंद्र की आलोचना की ।
उन्होंने कहा, ‘पता नहीं वह पंजाबियों से किस बात का बदला ले रहे हैं।’
मान ने दावा किया बजट पूर्व बैठकों के दौरान राज्य ने अमृतसर और बठिंडा से दिल्ली के लिए वंदे भारत ट्रेन शुरू करने की आवश्यकता पर जोर दिया था लेकिन इस मांग को भी पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया था, साथ ही सिखों के सभी पांच तख्तों को रेल मार्ग से जोड़ने की मांग पर भी ध्यान नहीं दिया गया।
पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने बजट को ‘गरीब विरोधी’ और ‘जन विरोधी’ करार दिया, जबकि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह किसानों, ग्रामीणों, गरीबों और युवाओं के हितों के खिलाफ है।
वहीं द्रमुक के प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि बजट ने यह धारणा बनाई है कि यह भाजपा शासित राज्यों में विकास परियोजनाओं के लिए एक कवायद है, खासकर उन राज्यों में जहां चुनाव हो रहे हैं।
उन्होंने एक बयान में कहा कि बेरोजगारी, मंहगाई और मुद्रास्फीति को नजरअंदाज कर दिया गया है और राज्यों की वित्तीय स्वतंत्रता को लेकर कोई रचनात्मक प्रयास नहीं किए गए हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने बजट को आधुनिक भारत के निर्माण में एक मील का पत्थर करार दिया।
खट्टर ने कहा कि सीतारमण ने समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए ‘अमृत काल’ का पहला बजट पेश किया है।
इस बीच, हरियाणा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बजट में हरियाणा को कुछ नहीं दिया गया और राज्य के लिए किसी विशेष योजना की घोषणा नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की जनता महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है, लेकिन बजट में इन मुद्दों पर लोगों को कोई राहत देने का प्रावधान नहीं है।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इस बजट में किसानों, महंगाई या बेरोजगारी के लिए कुछ भी नहीं है।
एआईएनआरसी नेता और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने कहा कि केंद्रीय बजट प्रगतिशील और विकासोन्मुखी है।
उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा कि बजट में कई उपाय कि गए हैं जो आयकर दाताओं के लिए राहत लेकर आए हैं क्योंकि आयकर स्लैब में बदलाव किया गया है।
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने बजट 2023-24 की सराहना करते हुए कहा कि यह सर्वसमावेशी और समाज के वंचित वर्गों के कल्याण पर केंद्रित है।
ठाकुर ने इसे ‘अमृत काल’ का पहला बजट बताया, जिसका उद्देश्य समाज के गरीबों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़े वर्गों, वंचितों और दिव्यांग वर्गों को सशक्त और मजबूत बनाना है।
भाषा नोमान संतोष
संतोष
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