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Friday, 27 September, 2024
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भाजपा ने सीबीआई को दी गई सहमति वापस लेने को लेकर कर्नाटक सरकार पर साधा निशाना

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नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन विवाद के बीच राज्य में मामलों की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति वापस लेने के कर्नाटक सरकार के फैसले पर शुक्रवार को कांग्रेस की आलोचना की और इसे एक ‘पेशेवर चोर और भ्रष्ट पार्टी’ का कदम करार दिया।

कांग्रेस सरकार के इस कदम को कथित तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से जुड़े एमयूडीए घोटाले की सीबीआई जांच से बचने का प्रयास करार देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह निर्णय अपने आप में ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ वाली कहावत को दर्शाता है।

उन्होंने सिद्धरमैया के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के नैतिक अधिकार पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा, ‘‘एमयूडीए घोटाले में हजारों करोड़ रुपये हड़प लिए गए। इसके बाद कांग्रेस ने वह कर दिखाया है जो किसी प्रमाणित ‘चोर और लुटेरा’ से अपेक्षित होता है। कानून के लंबे हाथों से बचने के लिए, उसने राज्य में जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पेशेवर चोर और पेशेवर भ्रष्ट पार्टी की तरह व्यवहार कर रही है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि कांग्रेस का रवैया पहले चोरी और फिर सीनाजोरी करने का बन गया है। कर्नाटक और अन्य राज्यों में जहां कांग्रेस सत्ता में है, उसका यही रवैया है।’’

एमयूडीए भू आवंटन मामले में आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी बी एम पार्वती को मैसूरु के एक पॉश इलाके में मुआवजे के तौर पर जो भूखंड आवंटित किये गये थे, उनकी कीमत एमयूडीए द्वारा अधिग्रहीत की गयी जमीन की तुलना में काफी अधिक थी।

पूनावाला ने आरोप लगाया कि 5,000 करोड़ रुपये के एमयूडीए घोटाले में अपनी कथित संलिप्तता के बाद से सिद्धरमैया ‘वही रुख’ अपना रहे हैं जो ऐसे मामलों में कांग्रेस का रहा करता है।

एमयूडीए भूमि आवंटन विवाद के बीच संघीय एजेंसी को ‘पक्षपातपूर्ण’ करार देते हुए कर्नाटक सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली थी।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद फैसले की घोषणा करते हुए कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि सीबीआई या केंद्र सरकार अपने साधनों का उपयोग करते समय उनका विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग नहीं कर रही है।’’

यह कदम विपक्षी भाजपा द्वारा एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग के बीच उठाया गया है।

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस ‘जमीन से जुड़ी’ हुई पार्टी है और जहां-जहां वह सत्ता में आती है वहां अनुसूचित जाति और जनजाति की जमीन अपने रिश्तेदारों के नाम पर कर देती है।

उन्होंने कहा कि एमयूडीए घोटाला मामले में इतने सारे प्रमाण आने के बाद मुख्यमंत्री के पास कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है कि अपने पद पर बने रहें।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह एक संयोग है या सोचा समझा प्रयोग है कि इतने सारे प्रमाण और अदालत के निर्णय के बाद कांग्रेस ने अपनी चोरी छुपाने के लिए सीबीआई को रोका है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उनके खिलाफ कई एजेंसियों को जांच के लिए लगाया गया था लेकिन कभी भी गुजरात सरकार ने या मोदी ने इस तरह का रवैया नहीं अपनाया था।

पूनावाला ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने हर जांच का सहयोग किया था। यही अंतर है एक नैतिक ईमानदार व्यक्ति में और उस व्यक्ति में जो मान लेता है कि चोर की दाढ़ी में तिनका जरूर है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि एमयूडीए घोटाले के अलावा कर्नाटक में वाल्मीकि घोटाला हुआ, जिसमें दलित आदिवासी समाज के हिस्से के पैसों से लेम्बोर्गिनी गाड़ी खरीदी गई, शराब खरीदी गई जिसका चुनाव में इस्तेमाल हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।’’

पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस को जब चीजें अपने हित में लगती हैं तो सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों के दरवाजे पर शराब घोटाले की शिकायत लेकर पहुंच जाते हैं और पूरी दिल्ली में ‘केजरीवाल चोर है’ के नारे लगाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब चीजें अपने हित में नहीं लगती हैं तो ये सीबीआई और ईडी पर आरोप लगाते हैं।’’

भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना की और कर्नाटक सरकार के फैसले को ‘खतरनाक’ करार दिया।

उन्होंने कहा, ‘अगर कोई कहता है कि केंद्रीय एजेंसी राज्य में काम नहीं कर सकती तो इसका अर्थ है कि संविधान खतरे में है।’

त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान हाल ही में कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने कहा कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो वे किसी और की चिंता करने से पहले अपना खजाना भरेंगे, फिर अपने रिश्तेदारों के लिए काम करेंगे।

भाजपा सांसद ने कहा, ”यह कर्नाटक से लेकर हरियाणा तक कांग्रेस की सोच को दर्शाता है।’

भाषा ब्रजेन्द्र अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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