पटना, 14 नवंबर (भाषा) भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों को “अस्वाभाविक” करार देते हुए कहा है कि इसमें “ मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की छाप साफ दिखाई देती है।”
उन्होंने कहा कि तीन करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बीच 30,000 करोड़ रुपए के “अभूतपूर्व धन अंतरण अभियान” को भी चुनावी आचार संहिता और नैतिकता के संदर्भ में गंभीरता से देखा जाना चाहिए।
भट्टाचार्य ने कहा कि जब नीतीश कुमार सरकार की साख “निचले स्तर” पर पहुंच चुकी है और केंद्र की मोदी सरकार को भी पिछले वर्ष “महत्वपूर्ण जनसमर्थन क्षरण” झेलना पड़ा था, उस समय 2010 जैसा परिणाम दोहराया जाना “विश्वास से परे” है।
उन्होंने कहा कि पार्टी इस चुनाव परिणाम की विस्तृत समीक्षा करेगी और आवश्यक निष्कर्ष निकालेगी।
उन्होंने बताया कि भाकपा (माले) ने इस चुनाव में पालीगंज और करकट सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि अगिआंव (सुरक्षित) सीट पर पार्टी मात्र 95 वोटों से हार गई। बबलरामपुर, दुमरांव और ज़ीरादेई में हार का अंतर 3,000 वोटों से भी कम रहा। भट्टाचार्य के अनुसार पार्टी का मत प्रतिशत करीब तीन प्रतिशत रहा है।
भाषा कैलाश
राजकुमार
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