अयोध्या (उप्र), 15 अक्टूबर (भाषा) अयोध्या नगर निगम में कथित अनियमितताओं की वजह से उत्तर प्रदेश सरकार को लगभग 200 करोड़ रुपये के नुकसान होने संबंधी एक ऑडिट रिपोर्ट से प्रदेश में राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि अयोध्या संभाग के स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग के उप निदेशक की वित्त वर्ष 2023-24 की एक हालिया ऑडिट रिपोर्ट में अयोध्या नगर निगम में कथित वित्तीय अनियमितताओं और उसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार को कथित तौर पर करीब 200 करोड़ रुपये के नुकसान का खुलासा हुआ है।
ऑडिट रिपोर्ट में अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया है, जिनमें राज्य अनुदानों का दुरुपयोग, बजट का दुरुपयोग, विभिन्न विभागों में अनियमित भुगतान और यहां तक कि एक काली सूची में डाली गई कंपनी को भुगतान भी शामिल है।
अधिकारियों के अनुसार, रिपोर्ट शहरी विकास सचिव, महालेखाकार और अयोध्या के शीर्ष अधिकारियों, जिनमें संभागीय आयुक्त राजेश कुमार भी शामिल हैं, को भेज दी गई है। उन्होंने रिपोर्ट को कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार को भेज दी है।
इस बीच, अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि नगर निगम ऑडिट आपत्तियों का समय पर समाधान करेगा।
उन्होंने पुष्टि की कि विभाग सभी आपत्तियों का बिंदुवार जवाब तैयार कर रहा है और आश्वासन दिया कि ‘‘यदि कोई कमी पाई जाती है, तो दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाएगा।’’
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व मंत्री पवन पांडे ने एक संवाददाता सम्मेलन में महापौर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया।
पांडे ने आरोप लगाया कि ऑडिट में जिन संदिग्ध खर्चों का ज़िक्र किया गया है, वे जनवरी 2024 में आयोजित राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान किए गए थे।
महापौर त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी पर पलटवार करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपों को ‘‘निराधार और पूर्वाग्रह से ग्रस्त’’ बताया।
उन्होंने सपा पर अयोध्या के विकास से नाखुश होने का आरोप लगाया और दावा किया कि उनकी ‘‘बेदाग छवि’ को धूमिल करने की साजिश रची जा रही है।
भाषा सं जफर
धीरज
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