ईटानगर, 12 नवम्बर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश सरकार ने सीमांत राजमार्ग परियोजना के लाडा–सारली खंड में भूमि मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं उजागर होने के बाद चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और ईस्ट कामेंग जिले के उपायुक्त के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तथ्यान्वेषण समिति की जांच में पाया गया कि लाडा से सारली (पैकेज एक से पांच) तक की 125.55 किलोमीटर लंबी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान गैर-मौजूद परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किया गया, गलत आकलन किए गए और मुआवजे की प्रक्रिया में फर्जी मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की गई।
निलंबित अधिकारियों में प्रभागीय वन अधिकारी अभिनव कुमार, जिला कृषि अधिकारी मीरम पेरमे, जिला उद्यान अधिकारी सी. के. तायुम और जिला भूमि राजस्व एवं निपटान अधिकारी तकम केचक शामिल हैं।
सरकार ने गृह मंत्रालय से ईस्ट कामेंग के उपायुक्त हिमांशु निगम को निलंबित करने की भी सिफारिश की है। वे ग्राउंड वेरिफिकेशन बोर्ड के अध्यक्ष थे, जिसने विवादित मुआवजा पुरस्कार को मंजूरी दी थी।
तथ्यान्वेषण समिति (एफएफसी) का गठन 13 अगस्त को परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में किया गया था, जिसमें लोक निर्माण, भूमि प्रबंधन, वन, कृषि, उद्यान और मत्स्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। यह समिति प्रभावित भूमि मालिकों की शिकायतों के बाद गठित की गई थी।
कई शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि कोई उचित जमीनी सर्वेक्षण नहीं किया गया, वास्तविक दावेदारों को बाहर रखा गया और गैर-मौजूद लाभार्थियों को अत्यधिक मुआवजा दिया गया।
भाषा मनीषा रंजन
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