नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) सशस्त्र बलों के तीनों अंगों के बीच तालमेल को बढ़ावा देने तथा विविध भू-भागों और मिशन क्षेत्रों में एकीकृत अभियान को अंजाम देने के उद्देश्य से पश्चिमी क्षेत्र में जल्द ही तीनों सेनाओं का एक अभ्यास आयोजित किया जाएगा। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘त्रिशूल’ अभ्यास ‘जय’ (जेएआई) – ‘‘संयुक्तता (जॉइंटनेस), आत्मनिर्भरता और नवाचार (इनोवेशन)’’ की भावना के माध्यम से सीमाओं की सुरक्षा के लिए भारत के संकल्प का उदाहरण है।
एकीकृत रक्षा स्टाफ, मुख्यालय (आईडीएस-एचक्यू) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘‘त्रिशूल’’ का अर्थ है ‘‘एकता में शक्ति’’।
अधिकारियों ने कहा कि यह भारतीय सशस्त्र बलों की प्रौद्योगिकी-सक्षमता और भविष्य के लिए तैयार बल के निर्माण की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
भाषा
नेत्रपाल सुरेश
सुरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
