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Sunday, 29 September, 2024
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शीर्ष अदालत ने माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में सजा पर आदेश सुरक्षित रखा

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नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने नौ हजार करोड़ रुपये की बैंक ऋण धोखाधड़ी के आरोपी भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले में सजा की अवधि पर बृहस्पतिवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने अवमानना कानून के विभिन्न पहलुओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं न्याय मित्र जयदीप गुप्ता की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

पीठ ने पूर्व में माल्या का प्रतिनिधित्व कर चुके वकील को इस मामले में मंगलवार तक लिखित दलीलें पेश करने की अनुमति दी। हालांकि माल्या के वकील ने कहा कि ब्रिटेन में रह रहे उनके मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिल सका है इसलिए वह पंगु हैं और अवमानना के मामले में दी जाने वाली सजा की अवधि को लेकर उनका (माल्या का) पक्ष रख पाने में असहाय हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि (माल्या के खिलाफ) ब्रिटेन में कुछ मुकदमे चल रहे हैं। हमें नहीं पता, कितने मामले लंबित हैं। मुद्दा यह है कि जहां तक हमारे न्यायिक अधिकार क्षेत्र का प्रश्न है तो हम कब तक इस तरह चल पाएंगे।’’

शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी उस वक्त आई, जब जयदीप गुप्ता ने पीठ से कहा कि सजा की अवधि को लेकर उसे (न्यायालय को) एकपक्षीय आदेश सुनाया जाना चाहिए।

इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हम इस स्थिति में हैं कि जमानती वारंट से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकती, क्योंकि अवमाननाकर्ता ब्रिटेन में है और प्रत्यर्पण के मामले को छोड़कर और कोई मुकदमा वहां लंबित नहीं है।

शीर्ष अदालत ने माल्या को दिये गये लंबे वक्त का हवाला देते हुए 10 फरवरी को सुनवाई की तारीख तय कर दी थी और भगोड़े कारोबारी को व्यक्तिगत तौर पर या अपने वकील के जरिये पेश होने का अंतिम मौका दिया था।

माल्या को अवमानना के लिए 2017 में दोषी ठहराया गया था और उनकी प्रस्तावित सजा के निर्धारण के लिए मामले को सूचीबद्ध किया जाना था।

शीर्ष अदालत ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए माल्या की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका 2020 में खारिज कर दी थी। न्यायालय ने अदालती आदेशों को धता बताकर अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ डॉलर अंतरित करने को लेकर उन्हें अवमानना का दोषी माना था।

भाषा सुरेश पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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