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Thursday, 25 April, 2024
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कन्हैया समेत 10 पर चार्जशीट दाखिल, बोले कन्हैया- सब चुनाव के लिए

जेएनयू में 9 फरवरी को हुई नारेबाजी में 1200 पन्नों की ट्रंक में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई. कोर्ट मंगलवार को मामले में सुनवाई करेगी.

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नई दिल्लीः जेएनयू में 9 फरवरी को हुई नारेबाजी में 1200 पन्नों की ट्रंक में चार्जशीट दाखिल की गई है. 1200 पेज की चार्जशीट अदालत में पेश की गई, जिसमें कन्हैया-उमर खालिद समेत 10 पर देशद्रोह का आरोप है तय हुआ है. कोर्ट में मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई होगी. वहीं विपक्ष ने पुलिस पर सत्ताधारी बीजेपी की शह पर काम करने का आरोप लगाया था. मामले में दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमीत आनंद की कोर्ट में 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की.

चार्जशीट में सात कश्मीरियों को भी आरोपी बनाया गया है. इन सभी कश्मीरी छात्रों से भी पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन इन्हें बिना गिरफ्तारी के चार्जशीट किया गया है. इस चार्जशीट के कॉलम 12 में 36 आरोपी हैं, जिन पर कोर्ट तय करेगी कि उन्हें आरोपी बनाना है या नहीं. इन 36 के खिलाफ पुलिस को डायरेक्ट एविडेंस नहीं मिले हैं.

इस चार्जशीट के कॉलम 12 में 36 आरोपी हैं, जिन पर कोर्ट तय करेगी कि उन्हें आरोपी बनाना है या नहीं. इन 36 के खिलाफ पुलिस को डायरेक्ट एविडेंस नही मिले हैं.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, गवाहों के बयानों के बाद देशद्रोह का ये मामला दर्ज किया गया है. गवाहों के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देशद्रोही नारे लगाए थे. वहीं उमर खालिद के खिलाफ धोखाधड़ी का भी मामला दर्ज किया है.

संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में वर्ष 2016 में जेएनयू कैंपस में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जेएनयू के इस विवादस्पद कार्यक्रम से लोगों में नाराजगी फैली थी. आरोप लगे थे कि कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए.

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तीन साल तक चली जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में एक ट्रंक में चार्जशीट फाइल की है. 1200 पेज की इस चार्जशीट को पुलिस ने अदालत में पेश किया है. कोर्ट में मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई होगी.

वहीं मामले में चार्जशीट में हम क्या चाहते आजादी, भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्ला इंशा अल्ला, इंडिया गो बैक जैसे कैंपस में आये कश्मीरी लोगों पर चार्ज को आधार बनाया गया है.

कन्हैया बोले

मामले में कन्हैया कुमार ने कहा, ‘आखिर यह चुनाव से पहले क्यों चार्जशीट फाइल की गई है. यह आने वाले चुनाव में फायदे के लिए है. यह आधारहीन है, इसमें कोई गंभीरता नहीं है. आखिर चार्जशीट के लिए तीन साल तक का समय क्यों लिया गया.’

सीपीआई नेता कहते हैं

वहीं सीपीआई नेता डी राजा ने कहा,’तीन साल बाद दिल्ली पुलिस ने कुछ छात्रोंं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है जिसमें (आल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन) एआईएसएफ के नेता कन्हैया कुमार भी शामिल हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम चार्जशीट में लगाए गये आरोपों की निंदा करते हैं. यह स्वीकार्य नहीं, फर्जी हैं.’

मामले में सीपीआई नेता सुनीत चोपड़ा ने कहा, ‘फैक्ट का होना ज्यादा जरूरी है. आरोपी छात्रों को बुरी तरह कोर्ट के बाहर पीटा गया है. यूनिवर्सिटी सेडिशन के लिए नहीं, सेडिशन का चर्ज बकवास है.’

भाजपा नेता ने कहा

भाजपा नेता मुख्तार अव्वास नकवी ने कहा,’भारत तेरे टुकड़े होंगे, अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं जैसे नारे देश से प्रेम करने वालों को दुख पहुंचाते हैं.’

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 9 फरवरी को छात्रों द्वारा की गई नारेबाजी और उसके बाद लगे सेडिशन केश की जांच अब तीन साल बाद पूरी हुई है. चार्जशीट में अन्य स्टूडेंट में कश्मीर के रहने वाले आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली और खलिद बशीर भट का नाम हैं.

गौरतलब है कि जांच के मुताबिक कन्हैया कुमार ने 9 फरवरी की शाम प्रदर्शन कर रहे लोगों का नेतृत्व किया था. वह सभी को नारेबाजी के लिए उकसा रहे थे. चार्जशीट के अनुसार ऐसी किसी भी एक्टिविटी के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होती है, जिसकी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई थी, लेकिन ये रोकने पर भी नहीं माने. रोकने पर कन्हैया कुमार ने सुरक्षा गार्डों व अधिकारियों से बहस किया था.

आरोप है कि कन्हैया समेत अन्य छात्र नेताओं पर दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी परिसर में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी के विरोध में कार्यक्रम करने और भड़काऊ नारेबाजी करने का आरोप है. इसको लेकर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. इसको लेकर सरकार ने कैंपस के अंदर और बाहर पुलिस फोर्स तैनात की थी. कई दिनों तक कैंपस में बवाल चला. इस गतिविधि के खिलाफ आसपास के इलाकों और बाहर से लोग आकर कैंपस के गेट पर नारेबाजी किए थे. आरोपी छात्र मौके से फरार थे, जो बाद में पुलिस के सामने हाजिर हुए और गिरफ्तारी हुई.

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