गुवाहाटी, 30 मार्च (भाषा) असम सरकार ने रविवार को कहा कि उसने कानून व्यवस्था की समीक्षा के बाद राज्य के तीन जिलों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (अफस्पा) की अवधि छह महीने के लिए बढ़ा दी है।
सरकार ने डिब्रूगढ़ जिले में हालात में ‘‘सुधार’’ के बाद वहां से अफस्पा हटा दिया है।
गृह एवं राजनीतिक विभाग के सचिव देबप्रसाद मिश्रा ने एक आदेश में कहा कि इन चार जिलों को पिछले वर्ष आठ अक्टूबर से अफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ में रखा गया था, जबकि राज्य के बाकी हिस्सों से यह अधिनियम हटा लिया गया था।
इसमें कहा गया है, ‘‘विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से प्राप्त रिपोर्टों में यह पाया गया है कि असम पुलिस और सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयासों और चरमपंथ निरोधी उपायों के कारण असम में समग्र सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है, विशेष रूप से पिछले साढ़े तीन वर्षों में।’’
आदेश में कहा गया है कि इन सुधारों के मद्देनजर असम सरकार का मानना है कि अफस्पा के तहत डिब्रूगढ़ जिले का ‘‘अशांत क्षेत्र’’ का दर्जा 31 मार्च, 2025 से आगे बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है।
मिश्रा ने अधिसूचना में कहा, ‘‘इन सुधारों के बावजूद, राज्य में सक्रिय एकमात्र उग्रवादी समूह उल्फा (आई) द्वारा विभिन्न जिलों में आईईडी लगाने की छिटपुट घटनाएं हुई हैं, साथ ही अपनी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं भी हुई हैं।’’
इसलिए, असम सरकार ने सिफारिश की कि अफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा तीन जिलों तिनसुकिया, चराईदेव और शिवसागर में अतिरिक्त छह महीने के लिए जारी रखा जाए।
असम में अफस्पा पहली बार नवम्बर 1990 में लागू किया गया था और तब से राज्य सरकार द्वारा समीक्षा के बाद इसे हर छह महीने पर बढ़ाया जाता रहा है।
भाषा शोभना देवेंद्र
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