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Thursday, 25 April, 2024
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अध्यक्ष समेत तीन पद जीतकर डीयू में फिर लौटा एबीवीपी, नोटा के लिए जबर्दस्त वोटिंग

एक चौंकाने वाली बात ये है कि महज़ 40 प्रतिशत के करीब हुई वोटिंग में नोटा को अप्रत्याशित तौर पर बहुत ज़्यादा वोट मिले हैं.

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नई दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव (डूसू) के नतीजे सामने आ गए हैं और अध्यक्ष पद पर एक बार फिर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की जीत हुई है. इस पद पर जीत हासिल करने वाले परिषद के अंकित दहिया को 29685 वोट मिल हैं. वहीं, दूसरे नंबर पर रहीं चेतना को आधे से भी कम यानी 10646 वोट मिले हैं.

दिप्रिंट के पास मौजूद जानकारी के मुताबिक एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. महज़ 40 प्रतिशत के करीब हुई वोटिंग में नोटा को अप्रत्याशित तौर पर बहुत ज़्यादा वोट मिले हैं. अध्यक्ष पद पर नोटा को 5886, उपाध्यक्ष पद पर नोटा को 7879, सेक्रेटरी के पद पर नोटा को 6507 और ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर नोटा को 7695 वोट मिले हैं.


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पहले तीन पदों पर तो वामपंथी विचारधारा वाले ऑल इंडिया स्टूडेंट यूनियन (आइसा) और नोटा को करीब-करीब बराबर वोट मिले हैं. हालांकि, ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर आइसा को 10 हज़ार से ज़्यादा वोट मिले हैं. इसके अलावा उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के प्रदीप तवंर ने 19858 वोटों के साथ जीत हासिल की और इस सीट पर कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ़ इंडिया (एनएसयूआई) दूसरे नंबर पर रही.

सेक्रेटरी के पद पर एनएसयूआई के आशीष लंबा ने 20934 वोट हासिल करके जीत हासिल की. लांबा पर कॉलेज के बच्चों को जुरासिक पार्क नाम के वॉटर पार्क ले जाने का भी आरोप लगा था. हालांकि, दिप्रिंट को दिए गए पक्ष में एनएसयूआई का कहना था कि वो एक कार्यक्रम था जिसे अन्य छात्रों ने आयोजित किया था और लांबा को गेस्ट के तौर पर बुलाया था.

ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर एबीवीपी की शिवांगी खरवाल को जीत हासिल हुई है. उन्हें इस पद पर 17234 वोट मिले हैं. चारों ही पदों पर आइसा चौथे नंबर पर रहा है. दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में एक ओर जहां लेफ्ट छात्र संघों का एकछत्र राज रहा है, वहीं डीयू की राजनीति एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच घूमती रही है.

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इस साल भी आम आदमी पार्टी (आप) के छात्र संघ छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) ने चुनाव नहीं लड़ा. हालांकि, इसने कैंपस में बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग के साथ-साथ ईवीएम के विरोध में धरना-प्रदर्शन वगैरह ज़रूर किए.

हालांकि अंतिम नतीजे आने अभी बाकी हैं. जिसके आने पर इन आंकड़ों में बदलाव हो सकता है. आधिकारिक नतीजे आने का बाद इन्हें अपडेट किया जाएगा.

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