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Thursday, 25 April, 2024
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गुजरात के गरबा सीजन में लगा चुनावी तड़का, बीजेपी, आप ने रिलीज किए राजनीतिक गाने

राम मंदिर, सनातन धर्म, मोदी की जीवन यात्रा से लेकर केजरीवाल के वादों तक पर बने गानों के जरिये गुजरात में राजनीति ने गरबा नाइट्स को हाईजैक कर लिया है.

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फाल्गुनी पाठक और नेहा कक्कड़ अकेले ऐसे सितारे नहीं हैं जिन्होंने इस साल नवरात्रि के अवसर पर अपने नए गाने जारी किए हैं. राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भी गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के दिल, दिमाग और वोट जीतने की कोशिश के तहत ‘गरबा सीजन’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित 10 नए गाने लॉन्च किए हैं.

इन गीतों में मुफ्त टीकाकरण, और अनुच्छेद 370 हटाए जाने से लेकर राज्य में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को निशाना बनाने तक के गीत शामिल हैं. यह पूरी तरह से राजनीतिक गरबा है.

बीजेपी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक जनक ठक्कर कहते हैं, ‘गरबा एक महत्वपूर्ण अवसर है जब पूरा राज्य नवरात्रि के त्योहार से जुड़ा होता है और लोगों में बहुत सारा उत्साह होता है. इसलिए गरबा एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये हम अपनी भावनाओं व्यक्त करते हैं और उन्हें लंबे समय तक याद रखा जाता है. लोग हमें खुद बता रहे हैं कि कैसे वे इन गानों का आनंद ले रहे हैं.’

पीएम मोदी इस दौरान दो दिनों के लिए गुजरात का दौरा करने वाले हैं और उनके एक गरबा में भाग लेने की उम्मीद है. प्रियंका गांधी के भी एक गरबा, जिसे शेरी गरबा भी कहा जाता है, में शामिल होने की उम्मीद है.

गरबा में प्रचार अभियान

अलग-अलग गरबा पंडालों में अलग-अलग राजनीतिक दलों के पोस्टर लगे दिखते हैं. गुजरात सरकार द्वारा आयोजित कुछ पंडालों में भाजपा के गीतों पर नाचते लोगों के बगल में मोदी के विशालकाय पोस्टर लगे हुए हैं. यहां तक कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी पंडालों में अपने-अपने पोस्टर लगा रखे हैं.

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आप ने दो गाने भी रिलीज किये हैं जो अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए वादों को बयां करते हैं. कांग्रेस अपनी तरफ से कोई गाना तो नहीं लाई है, मगर वह शेरी गरबा में जाकर कर प्रचार जरूर कर रही है.

ठक्कर बताते हैं, ‘गुजरात बीजेपी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ ने गीता चौहान, पार्थिव गोहिल और दिव्या चौधरी जैसे कई जाने-माने गायकों और संगीतकारों के साथ 10 गाने लॉन्च किए हैं.’

कुछ ऐसे गाने हैं जो तेज-तर्रार ताल के साथ हैं, जिन पर लोग गरबा नृत्य कर सकते हैं, और अन्य विशेष रूप से ‘तीन ताली गरबा’ के लिए बनाए गए हैं. ये सब गाने मोदी की जीवन यात्रा और उनकी सरकार के तहत चलाई गई विकास परियोजनाओं से जुड़े बोल पर आधारित हैं. बड़े शहरों, छोटे शहरों, उत्तरी गुजरात और दक्षिण गुजरात के लिए अलग-अलग गाने हैं.

जो गाना सबसे ज्यादा धूम मचा रहा है वो ये है कि कैसे मोदी ने पूरी दुनिया में अपना नाम बनाया. अन्य गीत जो गुजराती इन दिनों गा रहे हैं, उनमें सनातन धर्म और राम मंदिर के विषय शामिल हैं.

गीत कुछ इस प्रकार है: ‘सनातन धर्म के लिए अच्छा काम किया जा रहा है, पूरे भारत में भगवा झंडा लहरा रहा है … अयोध्या में राम मंदिर के साथ … धर्म की हुई है सच्ची जीत’.

उत्तर गुजरात के लोगों के लिए रिकॉर्ड किया गया एक गाना, जो आप और कांग्रेस को निशाना बनाता है, कुछ इस तरह से है : कांग्रेस तो खत्म हो जाएगी और आप गुजरात में नहीं आ पाएगी, कांग्रेस ने 60 साल राज किया और देश को तबाह कर दिया.’

भाजपा का कहना है कि इन गीतों को लिखने और संगीतबद्ध करने वाले कलाकारों ने कोई पैसा नहीं लिया. गायक महेशसिंह सोलंकी, अमित बरोट, प्रहार वोरा, हेमालीबेन व्यास, सहित अन्य कई लोग इन नवरात्रि-सह-चुनाव अभियान गीतों का हिस्सा हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी कहते हैं, ‘अब बीजेपी चाहती है कि लोग उनके बनाये गरबा गानों पर ही नाचें, लेकिन गुजराती पहले से ही राज्य में बेरोजगारी और महंगाई की वजह से चक्कर खा रहे हैं.’


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गरबा में जा रहे हैं कांग्रेसी नेता

अहमदाबाद के राजनीतिक विशेषज्ञ दिलीप गोहिल कहते हैं, ‘पार्टी से जुडी राजनीति का गरबा में प्रचार करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन बीजेपी ने जिस संगठित तरीके से एल्बम लॉन्च किया है, वह नया है.सोशल मीडिया के आने के बाद से गरबा में चुनाव प्रचार बढ़ गया है. अब, राजनीतिक दल वायरल होने के लिए अपनी प्रचार सामग्री बनाते हैं.’

अगर गरबा नाइट्स को बीजेपी द्वारा हाईजैक कर लिया है, तो कांग्रेस मंदिरों तक दौड़ लगा रही है.

खोदलधाम मंदिर और शेरी गरबा पार्टी की प्रचार रणनीति का हिस्सा हैं. मनीष दोशी कहते हैं,’हमारे कार्यकर्ता शेरी गरबा में जाते हैं और लोगों से संपर्क करते हैं. हम दिन में रैलियां करते हैं और रात में लोगों से मिलते-जुलते हैं.

गुजरात कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि अगर प्रियंका गांधी जैसी पार्टी की ताकतवर महिला नेता नवरात्रि के दौरान गरबा में प्रचार करती हैं, तो यह अच्छा खासा प्रभाव पैदा करेगा. दोशी कहते हैं, ‘हमने अपना अनुरोध पार्टी को भेज दिया है, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से ऐसा कोई जवाब नहीं आया है.’

‘यह प्रचार गीत नहीं हैं’

चुनाव में गाने लॉन्च करने की अपनी पुरानी परिपाटी को जारी रखते हुए आप ने सोशल मीडिया पर ‘एक भी एक गरबा’ गाना लॉन्च किया है, जिसमें केजरीवाल को एक मौका देने की अपील की गई है. आप के प्रदेश महासचिव मनोज सोरथिया कहते हैं, ‘गुजरात जिस बदलाव का वर्षों से इंतजार कर रहा था, उसी का जिक्र इस गरबा गीत में किया गया है.’

इस गाने के जरिए आप ने मुफ्त बिजली, 10 लाख युवाओं को नौकरी और सभी महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने का वादा किया है. ये गाने वडोदरा, सूरत और राजकोट में गरबा कार्यक्रमों में खूब बज रहे हैं.

लेकिन आप के राज्य संयोजक गोपाल इटालिया का कहना है कि गरबा गुजरात की परंपरा है और राजनीतिक दलों को इसकी संस्कृति और चुनाव अभियान को एकसाथ नहीं जोड़ना चाहिए. वे कहते हैं, ‘बीजेपी के विपरीत, हमने सिर्फ राज्य की संस्कृति और धर्म के बारे में एक या दो गाने बनाने की कोशिश की है. वे प्रचार गीत कतई नहीं हैं.’

इटालिया कहती हैं, ‘हमें इसे राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए. देवी भाजपा को सही रास्ते पर ले जाएं.’

इस सबके बारे में राजनीतिक विशेषज्ञ अमित ढोलकिया का कहना है कि आप सिर्फ सोशल मीडिया पर बीजेपी के लिए चुनौती बन सकती है, जमीन पर नहीं. बीजेपी को इस प्रतिस्पर्धा की जानकारी है, इसलिए वह इन गानों में ‘ब्रांड मोदी’ का इस्तेमाल कर रही है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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