नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत 1984 के सिख-विरोधी दंगों के सिलसिले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या के एक मामले में 16 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगी।
यह मामला सिख-विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार इलाके में दो लोगों की कथित हत्या से जुड़ा है।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा को शुक्रवार को आदेश पारित करना था, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इसे टाल दिया कि फैसला तैयार नहीं है।
अदालत ने एक नवंबर, 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से संबंधित मामले में अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
हालांकि पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन ने शुरू में मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच अपने हाथ में ले ली थी।
अदालत ने 16 दिसंबर, 2021 को कुमार के खिलाफ आरोप तय किए, जिसमें उनके खिलाफ ‘प्रथम दृष्टया’ मामला पाया गया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, घातक हथियारों से लैस एक विशाल भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी और सिखों की संपत्तियों को नष्ट किया।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि भीड़ ने शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी के घर पर हमला किया तथा उसके पति और बेटे की हत्या कर दी, सामान लूट लिये और उनके घर को आग लगा दी।
कुमार के खिलाफ मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि ‘‘प्रथम दृष्टया यह राय बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री पाई गई थी कि कांग्रेस नेता कुमार न केवल एक भागीदार थे, बल्कि उन्होंने भीड़ का नेतृत्व भी किया था’’।
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