नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) कर्नाटक की एक अदालत ने जमात-उल-मुजाहीदीन बांग्लादेश (जेएमसी) के चार सदस्यों को आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के जुर्म में सात-सात साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सज़ा सुनाई है।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि सभी दोषी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
प्रवक्ता के मुताबिक, कादिर काज़ी उर्फ “मिजानुर रहमान”, मुस्तफिजुर रहमान उर्फ ‘तुफीन’, आदील शेख उर्फ ‘असदुल्लाह’ और अब्दुल करीम उर्फ ‘कोरिम एसके’ को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है।
बेंगलुरु में जेएमबी के एक ठिकाने से बम और आईईडी बनाने के काम आने वाली सामग्री बड़ी मात्रा में मिली थी।
प्रवक्ता ने बताया कि मामला पहले कर्नाटक पुलिस के सोलादेवनहल्ली थाने में सात जुलाई 2019 को दर्ज किया गया था और इसके बाद एनआईए ने उसी साल 29 जुलाई को यह मामला पुन: दर्ज किया।
इसके बाद उनके द्वारा अट्टीबेले थाना क्षेत्र में 2018 में अंजाम दी गई डकैती से संबंधित चार मामलों को एनआईए ने एक अप्रैल 2020 को पुन: दर्ज किया।
एनआईए ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद डकैती के इन सभी मामलों में एक संयुक्त आरोप पत्र दाखिल किया गया। सुनवाई के लिए इन चार मामलों को एक में मिला दिया गया।
प्रवक्ता ने कहा, “जांच से पता चला है कि आरोपियों ने भारत में जेएमबी की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के इरादे से बेंगलुरु में विभिन्न स्थानों पर डकैती करके धन जुटाया था और विस्फोटक सामग्री भी एकत्र की थी। उन्होंने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रॉकेट लांचर का परीक्षण किया था।”
उन्होंने कहा कि अब तक कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और सभी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। इन आरोपियों में से तीन को मामले में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है।
भाषा नोमान पारुल
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