तिरुवनंतपुरम, 16 जनवरी (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को सभी के लिए, खासतौर पर बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन के महत्व पर जोर दिया और कहा कि खाद्य सुरक्षा के लक्ष्य को हासिल करने का यही एकमात्र रास्ता है।
बाल पोषण पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करने के बाद विजयन ने कहा कि खाद्य सामग्री में लोगों की हिस्सेदारी बढ़ाने से खाद्य सुरक्षा प्राप्त नहीं होती। उन्होंने कहा कि पौष्टिक आहार मुहैया कराने से यह भी सुनिश्चित होता है कि बच्चे स्वस्थ होंगे और वे एनीमिया (रक्ताल्पता) जैसी बीमारियों से ग्रस्त नहीं होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई कम खाना केवल इसलिए खाता है क्योंकि वह गरीब है और भोजन खरीद नहीं सकता या व्यक्ति द्वारा अधिक खाने का अभिप्राय यह नहीं है कि उसे अधिक पोषक तत्व मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग एनीमिया (खून की कमी ) के शिकार हैं, वे केवल गरीब परिवारों से ही नहीं आते।’’
विजयन ने कहा कि अच्छे खाने का अधिक विकल्प मुहैया कराने और खाने की आदत को बदलने की जरूरत है, खासतौर पर बच्चों में।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान उनकी सरकार द्वारा बच्चों को पौष्टिक आहार मुहैया कराने के लिए उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी बच्चों को पौष्टिक आहार मुहैया करा रहे हैं, खासतौर पर ‘‘पोषणयुक्त बचपन’ योजना के तहत, जिसमें तीन से छह साल के बच्चों को सप्ताह में दो बार अंडा और दूध दिया जाता है।
विजयन ने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने 61.5 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा एकीकृत बाल विकास योजना के तहत सरकार द्वारा 258 योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि बच्चों और महिलाओं को सुविधाएं दी जा सकें और गत साढ़े छह साल में आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से निपटने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च की है।
भाषा
धीरज मनीषा
मनीषा
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