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Tuesday, 23 April, 2024
होमहेल्थदिल्ली में बढ़ रहे Covid मामले; एक्स्पर्ट्स ने कहा- चिंता की बात नहीं, अधिकतर लोग हो चुके हैं इम्यून

दिल्ली में बढ़ रहे Covid मामले; एक्स्पर्ट्स ने कहा- चिंता की बात नहीं, अधिकतर लोग हो चुके हैं इम्यून

दिल्ली में सोमवार को 512 कोविड केस दर्ज किए गए, जो रविवार की तुलना में 12% अधिक है. नए मामले 20 फरवरी के बाद से सबसे ज्यादा हैं. दिल्ली में पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या 1,518 है, जो 3 मार्च के बाद सबसे ज्यादा है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में कोविड के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि चिंता का कोई कारण नहीं है, क्योंकि अधिकांश आबादी ने टीकाकरण या पिछले संक्रमण के कारण इस बीमारी से लड़ने की इम्युनिटी हासिल कर ली है. हालांकि, उनका कहना है कि मामलों में वृद्धि मानवीय व्यवहार के कारणों से हुई है.

दिल्ली में सोमवार को 512 नए कोविड केस दर्ज किए गए जो रविवार की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है, और इस साल 20 फरवरी के बाद से एक दिन में सबसे अधिक संख्या है. दिल्ली में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1,518 है, जो इस साल 3 मार्च के बाद से सबसे ज्यादा है.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से 2 अप्रैल को मास्क अनिवार्य होने संबंधी आदेश वापस लिए जाने के बाद से कोविड के मामलों में वृद्धि देखी गई है. राष्ट्रीय राजधानी में लोगों पर फेस मास्क नहीं लगाने के लिए जुर्माने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है. हालांकि, फिर भी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने की सिफारिश की गई है.

मुंबई की एक स्वतंत्र महामारी विज्ञानी डॉ. स्वप्निल पारिख ने दिप्रिंट को बताया, ‘मामले बढ़ने का प्रमुख कारण लोगों का लापरवाह रवैया है. इसमें लोगों की आवाजाही बढ़ना और दवाओं से इतर बीमारी का प्रसार रोकने के उपायों में कमी आना शामिल है.’

उन्होंने कहा, ‘यात्रा संबंधी पाबंदियां घटा दी गई हैं और मास्क पहनना अनिवार्य होने का आदेश भी खत्म हो गया है. इन दोनों का नतीजा इस बीमारी के बढ़ने के तौर पर सामने आया है.’

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पारेख ने कहा कि वायरस में बदलाव का भी बीमारी के फैलने पर असर पड़ता है.


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एनसीआर में मामले बढ़े

इस बीच, निकटवर्ती राज्य हरियाणा में कोविड-19 केस की संख्या अप्रैल के शुरुआत में 54 से बढ़कर सप्ताहांत के दौरान लगभग 200 प्रतिदिन हो गई है. सबसे अधिक मामले दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद से सामने आए हैं.

पारेख ने कहा, ‘मामलों में टेस्ट की संख्या भी अपेक्षाकृत घटी है, ऐसे में यह अनुमान लगाना कठिन है कि क्या यह वृद्धि लगातार हो रही है. रुझान स्पष्ट होने में एक और सप्ताह लगेगा.’ साथ ही कहा कि अभी मामलों की संख्या इतनी कम है कि यह कहना बेमानी होगा कि यह एक नई लहर है.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल उत्तर प्रदेश के दो जिलों नोएडा और गाजियाबाद में भी कोविड संक्रमण में वृद्धि नजर आ रही है. महीने के शुरू में रोजाना करीब 45 मामलों की तुलना में सोमवार को यह आंकड़ा बढ़कर 135 पर पहुंच गया.

एम्स, नई दिल्ली में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने दिप्रिंट को बताया कि मामलों की संख्या में इस तरह उतार-चढ़ाव संभावित है. लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि आबादी के एक बड़े हिस्से में अब इस बीमारी को लेकर प्रतिरोधक क्षमता है.

‘चिन्ता करने की जरूरत नहीं’

देश में सोमवार को दैनिक कोविड मामलों में भारी उछाल आया है. पिछले 24 घंटों के दौरान 2,183 नए मामले सामने आए हैं, जो रविवार के कुल मामलों 1,150 की तुलना में 89.8 प्रतिशत अधिक है.

फिलहाल, इस बात का कोई निश्चित विश्लेषण नहीं हो पाया है कि क्या भारतीय आबादी के बीच एक नया वैरिएंट विकसित या सक्रिय हुआ है या यह कोविड के मामलों में वृद्धि का कारण बन रहा है.

डॉ. पारेख ने कहा कि स्थानीय स्तर पर कोविड मामलों की संख्या में उतार-चढ़ाव आम बात है.

बड़ी संख्या में बच्चों के कोविड पॉजिटिव पाए जाने संबंधी रिपोर्ट की ओर इशारा करते हुए डॉ. पारेख ने कहा कि घर के अंदर एकत्र होने से भी बच्चों में संक्रमण हो सकता है.

इस बीच, डॉ. राय का कहना है कि केवल मास्क संबंधी दिशा-निर्देश ही बीमारी फैलने में भूमिका नहीं निभाता है. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली को तीन लहरों का सामना करना पड़ा है—हर दिन हजारों मामले सामने आते रहे हैं—यहां तक कि जब मास्क लगाने संबंधी सख्त दिशा-निर्देश लागू थे. हम संक्रमण से जुड़े मामलों में उतार-चढ़ाव देखते रहेंगे.’

डॉ. राय ने कहा, ‘अगर हम सर्दी-जुकाम के सामान्य मामलों—जो कि एक कोरोनावायरस के कारण ही होते हैं—की टेस्टिंग शुरू करें तो भी हमें हजारों मामले नजर आएंगे. चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. अब गंभीर कोविड लहरों के कोई आसार नजर नहीं आते हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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