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Saturday, 20 April, 2024
होमहेल्थOCT-NOV में फिर बढ़ सकते हैं कोविड केस, लेकिन प्रतिदिन 1.5 लाख से ज्यादा नहीं होंगे : एक्सपर्ट पैनल

OCT-NOV में फिर बढ़ सकते हैं कोविड केस, लेकिन प्रतिदिन 1.5 लाख से ज्यादा नहीं होंगे : एक्सपर्ट पैनल

नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल कमेटी के प्रमुख प्रो. एम.विद्यासागर का कहना है कि सूत्र मॉडल पर आधारित इन अनुमानों को अभी केंद्र सरकार के साथ साझा नहीं किया गया है.

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  नई दिल्ली: महामारी के संभावित प्रसार के बारे में अनुमान लगाने के लिए सरकार की तरफ से बनाई गई नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल कमेटी के प्रमुख का कहना है कि कोविड-19 केस अक्टूबर और नवंबर के बीच फिर से बढ़ना शुरू हो सकते हैं.

इस तीन सदस्यीय समिति के अध्यक्ष आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर ने दिप्रिंट को बताया कि 20 अगस्त तक राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन नए मामलों की संख्या घटकर करीब 20,000 पर पहुंच सकती है. लेकिन हमें प्रतिदिन 1.5 लाख संक्रमण के साथ पीक पर पहुंचने के बारे में अधिक चिंता है.’

हालांकि, उनकी स्पष्ट राय है कि मामलों में यह अपेक्षित वृद्धि दूसरी लहर के दौरान आई तेजी जितनी नहीं होगी, जब भारत में हर दिन 4 लाख से अधिक संक्रमण के मामले सामने आए. उन्होंने कहा, ‘अगर हम हालात बहुत खराब होने की कल्पना करें तो भी यह आंकड़े प्रतिदिन 1.5 लाख से अधिक होने के आसार नहीं लगते.’

कोविड केस में एक बार फिर तेजी 9 अक्टूबर से 28 नवंबर के बीच आ सकती है. समिति ने मई में जारी पिछले पूर्वानुमान में इस पर भी जोर दिया था कि यदि टीकाकरण अभियान की गति बढ़ती रहती है तो अगली लहर पर दूसरी लहर जितनी घातक नहीं हो पाएगी.

प्रो. विद्यासागर ने कहा, ‘यदि कोई नया वैरिएंट सामने आता है जो अब भी डेल्टा या डेल्टा-प्लस की तुलना में अधिक संक्रामक है, तो हम इन पूर्वानुमानों को संशोधित करेंगे. फिलहाल के हालात में यही अनुमान लगाया जा रहा है.’

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वैज्ञानिक के मुताबिक इस कमेटी—जिसमें आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल और सेना चिकित्सा सेवा में उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर शामिल हैं—ने ये अनुमान सूत्र (एसयूटीआरए) मॉडल के आधार पर लगाए हैं.

सूत्र का मतलब यहां सस्केपटिबल, अनडिटेक्टेड, टेस्टेड (पॉजिटिव) और रिमूव्ड एप्रोच से है.

हालांकि, प्रो विद्यासागर ने स्पष्ट किया कि निष्कर्षों को अभी तक केंद्र सरकार के साथ साझा नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, ‘हमने अभी तक किसी भी सरकारी एजेंसी को कोई औपचारिक प्रेजेंटेशन नहीं दिया है, लेकिन जब भी हमें ऐसा मौका मिलेगा, हम अनुमान प्रेजेंट करने की योजना बनाएंगे.’

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अध्ययन केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं था. समिति केंद्र सरकार को महामारी को लेकर स्थान संबंधी और अस्थायी प्रसार के बारे में अनुमान लगाने में मदद करती है.

केरल, महाराष्ट्र में केस बढ़ना रुकने के आसार कम

प्रो. विद्यासागर ने दिप्रिंट को बताया कि भले ही पूरे देश में मामले 25,000 तक कम हो जाएं, लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि केरल और महाराष्ट्र दोनों में केस काफी उच्च स्तर पर बने हुए हैं, और ‘इनमें शायद की कमी आए.’

उन्होंने कहा, ‘अगर हम अखिल भारतीय आंकड़ों को देखें, तो पता चलता है कि केरल में केस बहुत अधिक हैं. मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों है.’


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उन्होंने कहा कि 6 जुलाई को पूरे भारत में 43,965 मामलों में से 14,373 मामले अकेले केरल के थे. उन्होंने कहा, ‘ऐसा कई दिनों से हो रहा है, महाराष्ट्र और केरल दोनों दैनिक केस के मामले में नंबर 1 और नंबर 2 पर बने हुए हैं.’

पहले के निष्कर्ष

कमेटी ने सूत्र मॉडल का उपयोग करते हुए अनुमान लगाया था कि मई के अंत तक भारत में प्रति दिन लगभग 1.5 लाख मामले सामने आएंगे और जून के अंत तक यह संख्या दैनिक आधार पर 20,000 के करीब हो जाएगी.

मई में प्रो. विद्यासागर ने आगाह किया था कि देश में महामारी की तीसरी लहर करीब छह से आठ महीने के बाद आ सकती है, जिसका मतलब नवंबर से जनवरी के बीच है.

उन्होंने कहा, ‘यदि आप सूत्र मॉडल पर गौर करेंगे तो आपको पता लगेगा कि हम 1 जुलाई तक देशव्यापी स्तर पर कोविड केस के आंकड़े प्रतिदिन 15,000 तक पहुंचने का अनुमान लगाते हैं.’ साथ ही जोड़ा कि इसे दूसरी लहर खत्म होने के तौर पर देखा जा सकता है.

उन्होंने एक इतालवी अध्ययन के आधार पर 6 से 8 महीनों की भविष्यवाणी की थी, जिसमें दर्शाया गया कि शरीर में कोविड-19 एंटीबॉडी का असर (इतालवी मरीजों में) इतने समय तक रहता है.

पूर्व में उन्होंने कहा था, ‘इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि भारतीयों का वह समूह जो कोविड (लक्षण दिखे या पहचान में न भी आए हों तो) के संपर्क में आ चुका है, नवंबर और जनवरी के बीच तक अपनी प्रतिरक्षा बनाए रखेगा.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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