scorecardresearch
Friday, 29 March, 2024
होमडिफेंसपहली बार छह महिला अफसरों को प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में मिलेगा प्रवेश

पहली बार छह महिला अफसरों को प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में मिलेगा प्रवेश

परीक्षा में 15 महिलाएं शामिल हुई थीं, जिनमें से छह का चयन किया गया है. इनमें से एक को अपने पति के साथ इस कोर्स में एडमिशन लेने का मौका मिला है.

Text Size:

नई दिल्ली: पहली बार छह महिला अफसरों को प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) में प्रवेश का मौका मिला है जो भारतीय सेना का एकमात्र ऐसा कम्पटीटिव कोर्स है जिसके जरिए सैन्य बल में शीर्ष स्तर पर नियुक्तियों का मार्ग प्रशस्त होता है.

रक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने बताया कि परीक्षा में 15 महिलाएं शामिल हुई थीं, जिनमें से छह का चयन किया गया है. इसमें से एक को अपने पति के साथ ही यह कोर्स पूरा करने का मौका मिलेगा.

छह महिला अधिकारी वेलिंगटन स्थित प्रतिष्ठित वार कॉलेज में प्रवेश करेंगी. यह सब पिछले साल सेना की तरफ से महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने के बाद संभव हो पाया है. इनका एकेडमिक सेशन अगले साल अप्रैल से शुरू होगा.

महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन का मतलब है कि अब उन्हें भी सेना में शीर्ष स्तर पर पदों और रैंक में अपने पुरुष समकक्षों के समान अवसर उपलब्ध होंगे. डीएसएससी कोर्स तीनों सेनाओं में मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल के समकक्ष पदों की नियुक्ति के लिए होता है.

सेना में अन्य कोर्स नेशनल डिफेंस कॉलेज, हाई कमांड और हायर डिफेंस मैनेजमेंट, जो सभी नॉमिनेटेड हैं, के विपरीत डीएसएससी में चयन एक प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर होता है. कोर्स पूरा होने के बाद सैन्य कर्मियों की लेफ्टिनेंट कर्नल पद पर नियुक्तियां हो पाती हैं और उनके लिए कर्नल पद पर पदोन्नति का रास्ता भी खुलता है, जो कि चयन के माध्यम से होती है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

कर्नल रैंक तक सभी प्रोन्नति एक टाइम-स्केल पर आधारित होती हैं और कोई सात साल की सेवा के बाद मेजर और 13 साल सेवा के बाद एक लेफ्टिनेंट कर्नल बन जाता है.

डीएसएससी भारत का अपनी तरह का एकमात्र संस्थान है जो पाकिस्तान के क्वेटा से वेलिंगटन स्थानांतरित हुआ था और वहां 74 साल पूरे कर चुका है.

पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सहित कई सेना प्रमुखों ने डीएसएससी कोर्स किया है.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: भारतीय मां अपने छोटे बच्चे के साथ हफ्ते में 9 घंटे बिताती हैं वहीं अमेरिकी 13 घंटे, राज्य उठाए कदम


share & View comments