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INS सतपुड़ा सैन डिएगो पहुंचा – पहली बार कोई भारतीय नौसेना युद्धपोत उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर

आईएनएस सतपुड़ा की यात्रा छह महाद्वीपों, तीन महासागरों और छह टाइम जोन के प्रमुख बंदरगाहों पर पहुंचने के भारतीय नौसेना के अभियान का हिस्सा है.

फोटो- विशेष व्यवस्था

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस सतपुड़ा 15 अगस्त को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के हिस्से के रूप में भारतीय तिरंगा फहराने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी तट सैन डिएगो हार्बर पर शनिवार को पहुंच गया. नौसेना ने यह जानकारी दी.

सतपुड़ा सोमवार को सैन डिएगो युएस नेवी बेस पर 75-लैप ‘आजादी का अमृत महोत्सव रन’ भी आयोजित करेगा. इन 75 लैप में से प्रत्येक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के 75 दिग्गजों को राष्ट्र के लिए उनके बलिदानों की याद के रूप में समर्पित किया जाएगा.

नौसेना ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘आईएनएस सतपुड़ा की सैन डिएगो की यात्रा ऐतिहासिक है क्योंकि यह पहली बार है जब कोई भारतीय नौसेना युद्धपोत उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर पहुंचा है. इस प्रकार राष्ट्रीय उद्देश्यों के समर्थन में जरूरत पड़ने पर यह दुनिया भर में तैनात करने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमता का प्रदर्शन करता है.’

सतपुड़ा उन आठ जहाजों में से एक है, जो नौसेना के भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के जश्न के हिस्से के रूप में छह महाद्वीपों, तीन महासागरों और छह टाइम जोन में प्रमुख बंदरगाहों की स्मारक यात्रा करने के लिए सफर पर निकले हैं.

अन्य सात जहाजों में से आईएनएस चेन्नई और बेतवा, मस्कट के लिए रवाना हुए, सिंगापुर के लिए सरयू, मोम्बासा के लिए त्रिकंद, पर्थ के लिए सुमेधा, रियो डी जनेरियो के लिए तरकश और लंदन के लिए तरंगिनी को भेजा गया है.

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नौसेना ने सोशल मीडिया पर आगे बताया कि सुमेधा और सरयू रविवार को क्रमश: पर्थ और सिंगापुर पहुंचे, जबकि तरकश शनिवार को रियो पहुंचा.


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सैन डिएगो में सतपुड़ा की तरह अन्य भारतीय नौसेना के जहाज भी भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर विभिन्न गतिविधियां करेंगे.

रक्षा मंत्रालय ने 6 अगस्त को कहा था, ‘लंदन में आईएनएस तरंगिनी के चालक दल दो विश्व युद्धों के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को कॉमनवेल्थ मेमोरियल गेट्स पर श्रद्धांजलि देंगे.’

रक्षा मंत्रालय ने कहा था, ‘इसी तरह आईएन जहाज चालक दल/प्रतिनिधिमंडल सिंगापुर में क्रांजी युद्ध स्मारक और आईएनए मार्कर पर एक औपचारिक पुष्पांजलि भी दी जाएगी. मोम्बासा में आईएन चालक दल तयेता तवेता क्षेत्र के युद्धक्षेत्र इलाके में एक स्मारक स्तंभ के उद्घाटन में भाग लेंगे, जहां भारतीय सैनिकों ने प्रथम विश्व युद्ध के पूर्वी अफ्रीका अभियान के तहत सेवा करते हुए लड़ाई लड़ी और अपने जीवन का बलिदान दिया.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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