आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत चिंताओं पर विराम लगाते हुए इस बात का खंडन करते हैं कि संघ संविधान को बदलना चाहता है और कहते हैं कि वे संविधान का सम्मान करते हैं और कभी उसके खिलाफ़ नहीं गए.
संघ के कितने स्वयंसेवक हैं कितने काम करते हैं लेकिन प्रसिद्ध सभी नहीं होते. दुनियादारी में चलना है तो संगठन के पदाधिकारी होना पड़ते हैं फिर बड़ा बन गया है
भागवत ने कॉंग्रेस पार्टी की भूमिका की तारीफ भी की. उन्होंने माना कि “पार्टी की भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बड़ी भूमिका रही और उसने भारत को कई महान हस्तियां भी दी.“
धुर दक्षिणपंथ आधुनिक काल से पहले जो भी मुस्लिम शासक, गुरु-शिक्षक, भक्त-श्रद्धालु भारत आए उनका कुछ भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है, भले ही आधुनिक काल से पहले के हिंदुओं ने उन्हें स्वीकार किया हो और यहां तक कि उन्हें पूजा हो.