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Saturday, 20 April, 2024
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कोरोनावायरस संकट अगर मोदी नहीं बल्कि मनमोहन सिंह के राज में आता तब क्या होता

मनमोहन सिंह संस्थाओं और व्यवस्था का दामन पकड़कर बिना शोरशराबा किए शासन चलाने वाले नेता रहे हैं जबकि नरेंद्र मोदी अपनी शख्सियत के बल पर अपनी कथनी और करनी में मुखर रहने वाले नेता रहे हैं. कोरोना संकट से निपटने में दोनों को अपनी-अपनी खास ताकत से बल मिलता.

मोदी को लॉकडाउन नहीं बढ़ाना चाहिए क्योंकि अर्थव्यवस्था लंबे समय तक वेंटिलेटर के सहारे नहीं चल सकती

कोविड-19 लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की राजनीतिक सलाह मानने से पहले मोदी को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए. कई बार इलाज मर्ज़ से भी अधिक नुकसानदेह साबित होता है.

कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण रोज़गार गंवाने के आंकड़े भयावह, सरकार को जल्द बड़े कदम उठाने होंगे

हम ये नहीं जानते कि कोरोनावायरस से पैदा स्वास्थ्य-संकट कितना गहन होगा और देश इससे कैसे निपटेगा लेकिन हम ये जरुर जानते हैं कि बेरोजगारी का संकट अभी ही सिर चढ़कर बोल रहा है. लोगों के जीवन और जीविका को बचाने के लिए सरकार को जल्दी ही लोक-कल्याण के मोर्चे पर कुछ वैसा करना पड़ेगा.

कोरोनावायरस: अंधविश्वास और पाखंड की शुरुआत बीजेपी ने नहीं, नेहरू ने की थी

देश के वामपंथी, उदारवादी, प्रगतिशील बुद्धिजीवियों की शिकायत है कि बीजेपी ने शासन में आने के बाद वैज्ञानिक चिंतन का नाश हो गया, जबकि आजदी के समय नेहरू की पुजा-अर्चना को याद करनी चाहिए.

आप क्रोनोलॉजी समझिए, मोदी ने कोविड-19 की दवा के निर्यात को लेकर ट्रंप के सामने घुटने नहीं टेके

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासिटामोल लंबे समय से पेटेंट-मुक्त और सस्ती जेनेरिक दवाएं हैं. भारत के पास दुनिया के लिए इनके उत्पादन की विशिष्ट क्षमता है. हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए, इसे बेकार नहीं जाने देना चाहिए.

कोरोना संकट में भारत के लिए बड़े आर्थिक फायदे निहित है: जयंत सिन्हा

दुनियाभर के देशों ने राजकोषीय नियमों से किनारा कर लिया है और वे अर्थव्यवस्था में ठहराव से बचने के लिए बेहिचक होकर खर्च कर रहे हैं.

कोरोनावायरस: मोदी सरकार की शह में छद्म विज्ञान से हो रहा है विज्ञान का कत्ल

सत्ता पक्ष कि शह कि वजह से आज भारत में तार्किकता और वैज्ञानिकता का स्पेस कम होता जा रहा है और छद्म विज्ञान और अंधविश्वास ने उसकी जगह ले ली है.

हज़ारों सालों से अमृत बरसाने वाली गंगा नदी आज जहर क्यों परोस रही है

जब देशभर में लॉकडाउन चल रहा है और सिर्फ जरूरी सेवाएं ही काम कर रही हैं तब केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड यानी सीपीसीबी ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि 36 निगरानी पाइंट में से 27 जगह गंगा का पानी नहाने योग्य हो गया है.

मोदी की कोविड-19 पर अपनाई गई रणनीति के आगे गांधी परिवार में भी राजनीतिक दूरियां दिखाई देती हैं

देश के प्रमुख विपक्षी दल ने सरकार को अपना पूरा समर्थन दिया है और यह भी कहा है कि लॉकडाउन का कदम 'आवश्यक' हो सकता है.

क्या जनहित के नाम पर दायर याचिकाएं कोरोनावायरस की चुनौतियों से निपटने के प्रयासों में बाधक हैं

सरकार को कोरोनावायरस महामारी के संकट पर काबू पाने और देशवासियों को इसके प्रकोप से बचाने के प्रयास के दौरान दायर हो रही इस तरह की याचिकाओं पर आपत्ति है.

मत-विमत

यह 6 राज्य तय करेंगे, BJP अबकी बार 400 पार करेगी कि विपक्ष उसे 272 का आंकड़ा भी नहीं छूने देगा

इस बार हमारे राजनीतिक भूगोल के बड़े हिस्से में चुनावी मुक़ाबले का नतीजा भले साफ नजर आ रहा हो, मगर कुछ हिस्से में यह मुक़ाबला 2019 के मुक़ाबले से भी ज्यादा तीखा है

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बस पलटने से बाराती घायल

उन्नाव (उप्र), 20 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र अंतर्गत लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर शनिवार तड़के बारातियों को ले...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.