ज्ञानोत्सव में मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक के संबोधन में संकेत मिले कि नई शिक्षा नीति में संघ का प्रभाव होगा. वहीं हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की मुहिम तेज़ हो सकती है.
50 साल पहले बंबई से मेवात के नूह ज़िले में लाई गई 70 वर्षीय महबूबा एक बार भी अपने घर नहीं गई. मायके का रास्ता तक भूल चुकी महबूबा कहती हैं, 'हो सकता है कि अब मेरे मां बाप मर चुके हों.'
राहुल का लंबे समय तक बिहार से दूर रहना, और गठबंधन द्वारा तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने में हुई देरी — इन दोनों ने मिलकर तेजस्वी को आत्मविश्वास के साथ चुनावी मैदान में उतरने की जगह दे दी.