आरबीआई ने आपातकालीन निधि के प्रावधान के तौर पर 20,000 करोड़ रुपये अपने पास रखे हैं. इससे भारी राजकोषीय दबाव की स्थिति में मोदी सरकार को और मदद मिल सकती थी.
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि निजी खपत और निवेश में सस्टेनेबल ग्रोथ होना चाहिये. महामारी के बाद सतत् आर्थिक वृद्धि के लिये यह जरूरी है.
संगठन ने कहा हमारा सुझाव है कि इन आरआरबी को प्रायोजक बैंकों में विलय करना बेहतर होगा क्योंकि इससे प्रायोजक बैंकों के ग्रामीण नेटवर्क में वृद्धि होगी और साथ ही साथ उन कमजोरियों को खत्म किया जा सकेगा, जिनसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक वर्तमान में जूझ रहे हैं.
चालू लॉकडाउन, आशंकाएं और अनिश्चितता आर्थिक वृद्धि दर को नीचे खींच रही हैं लेकिन महामारी की दूसरी लहर जब शांत पड़ने लगी है तब अगली तिमाही में आर्थिक कारोबार में सुधार की उम्मीद जागने लगी है.
वैश्विक मांग में सुधार से इंजीनियरिंग वस्तुओं और रत्न एवं आभूषणों के निर्यात में वृद्धि देखी गई है. अप्रैल में निर्यात 2020 की तुलना में 196% और 2019 की तुलना में 17% बढ़ा है.
उम्मीद है भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले साल के मुकाबले इस साल बेहतर हाल में रहेगी लेकिन कोविड की दूसरी लहर से पहले वृद्धि दर 13% से ज्यादा रहने का जो अनुमान लगाया जा रहा था उसकी जगह यह दर 11% या उससे नीचे ही रह सकती है.
विश्व बैंक द्वारा बुधवार को जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान चीन ने 59.5 अरब डॉलर का धनप्रेषण हासिल किया, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 68.3 अरब डॉलर था.
2021-22 के बजट संबंधी दस्तावेज दर्शाते हैं कि सरकार ने केंद्र की तरफ से वैक्सीन फंडिंग के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की. हालांकि, इस वित्त वर्ष में टीकाकरण पर अब तक 2,520 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
भारत विरोधी बगावत ने मैतेई समुदाय में हिंदू शासन के दौर से पहले की सांस्कृतिक परंपराओं और आस्थाओं को पुनर्जीवित करने पर ही ज़ोर दिया और कुकी और नगा समूहों की उपेक्षा की.