दिल्ली में सक्रिय कोविड केस का आंकड़ा मंगलवार को 42,000 पर पहुंच जाने के बीच अधिकारी आने वाले दिनों में शहर के अस्पतालों में बेड की उपलब्धता 80% तक पहुंचाने में जुट गए हैं.
बीजिंग में साइनोवैक लाइफ साइंसेज़ द्वारा निर्मित कोरोनावैक में, एक निष्क्रिय किया हुआ सार्स-सीओवी-2 वायरस होता है. ट्रायल के नतीजे दि लांसेट इन्फेक्शस डिज़ीज़ेज़ पत्रिका में छपे हैं.
एक सूत्र ने बताया कि हम केवल मॉडर्ना ही नहीं बल्कि फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला के साथ भी प्रत्येक टीके के क्लीनिकल परीक्षणें की प्रगति को लेकर संपर्क में हैं.
दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में ऐसे समय में वृद्धि हो रही है जब सर्दियां आ रही हैं और शहर की आबोहवा भी खराब है. इससे सांस लेने में समस्या वाले लोगों की जटिलताएं और बढ़ रही हैं.
ये वैक्सीनेटर सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम चलाते हैं जिसमें मांओं और बच्चों को टीका लगता है और सरकार इन संसाधनों को कोविड वैक्सीन के लिए इस्तेमाल करने को लेकर चिंतित है.