नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) दिल्ली के वसंत कुंज बी-1 के निवासियों ने अधिसूचित ‘मॉर्फोलॉजिकल रिज’ क्षेत्र में लग्जरी आवासीय टावर के निर्माण के खिलाफ रविवार को जंतर-मंतर पर धरना दिया।
‘मॉर्फोलॉजिकल रिज’ रिज क्षेत्र का वह हिस्सा होता है जिसमें रिज जैसी विशेषताएं हैं लेकिन यह अधिसूचित वन नहीं है।
निवासियों ने आरोप लगाया कि यह कदम पर्यावरण कानूनों, रिज संरक्षण मानदंडों और उनकी आवासीय सोसायटी की स्वीकृत ‘लेआउट’ योजना का उल्लंघन करता है।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि प्रस्तावित बहुमंजिला टावर और बहु-स्तरीय भूमिगत पार्किंग से इलाके के पारिस्थितिक संतुलन को खतरा है। उनका दावा है कि इससे संरचनात्मक जोखिम पैदा होगा और लगभग 5,000 निवासियों एवं हजारों स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरा होगा।
‘बी-1 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन’ की कार्यकारी समिति के सदस्य डॉ. कमल विचानी ने कहा कि प्रभाव के आकलन के बिना बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘बी-1 का पूरा पारिस्थितिकी तंत्र कोई पर्यावरणीय समीक्षा किए बिना नष्ट किया जा रहा है। लंबे समय तक निर्माण कार्य जारी रहने से निवासियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचेगा।’
एक अन्य निवासी अजय कुमार नौलखा ने निर्माण स्थल के करीब से गुजरने वाले मेट्रो गलियारे के विषय में चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘मेट्रो सुरंग सिर्फ़ 50-60 मीटर दूर है और चार-मंजिला भूमिगत पार्किंग बनाने के लिए विस्फोट की जरूरत होगी। इससे सुरंग और आस-पास की इमारतों को गंभीर खतरा है।’
मेसोनिक पब्लिक स्कूल की शिक्षिका आयशा ने बताया कि वह रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं।
उन्होंने कहा, ‘निर्माण से वायु संचार अवरुद्ध होगा, ध्वनि और वायु प्रदूषण बढ़ेगा, तथा छात्रों में तनाव पैदा होगा, विशेषकर परीक्षाओं के निकट आने पर।’
प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली नगर निगम से निर्माण कार्य रोकने तथा स्वतंत्र पर्यावरणीय और संरचनात्मक समीक्षा कराने का आदेश देने का आग्रह किया।
भाषा राखी सिम्मी
सिम्मी
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