बेंगलुरु, 30 नवंबर (भाषा) जाने-माने कन्नड़ अभिनेता मैसूर श्रीकांतैया उमेश का लंबी बीमारी के बाद रविवार को निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
वह 80 वर्ष के थे।
परिजनों ने बताया कि अभिनेता लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे और उन्हें हाल में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार बनशंकरी श्मशान घाट पर किया गया।
अभिनेता ने पांच दशक से भी अधिक समय के अपने करियर में 350 से अधिक फिल्मों में काम किया।
मैसुरु में 24 अप्रैल 1945 को जन्मे उमेश ने चार साल की उम्र में मास्टर के. हिरणय्या के रंगमंच समूह के ‘लंचवतार’ नाटक में अभिनय करके अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। बाद में वे गुब्बी वीरन्ना के रंगमंच समूह में शामिल हो गए।
उमेश को 1960 में फिल्म उद्योग में एक बड़ा मौका तब मिला जब उन्हें फिल्म ‘मक्कल राज्य’ में मुख्य भूमिका निभाने का अवसर प्राप्त हुआ।
उन्होंने नागराहोले (1978), गुरु शिष्यारु (1981), अनुपमा (1981), कामना बिल्लू (1983) और वेंकट इन संकट (2007) जैसी फिल्मों में अभिनय किया।
बहुमुखी अभिनेता उमेश को 1975 में ‘कथा संगम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता की श्रेणी में कर्नाटक राज्य फिल्म पुरस्कार और 2013 में रंगमंच में उनके योगदान के लिए कर्नाटक नाटक अकादमी पुरस्कार दिया गया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और जनता दल के नेता एवं केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने उमेश के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
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