नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) वित्त वर्ष 2025-26 के पहले सात महीनों में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा समूचे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 52.6 प्रतिशत हो गया। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों में सरकार की आय एवं व्यय के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा, बजट अनुमान का 46.5 प्रतिशत रहा था।
लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 8,25,144 करोड़ रुपये रहा।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए कुल 15.69 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 4.4 प्रतिशत होगा।
केंद्र की कुल आय अप्रैल-अक्तूबर, 2025 की अवधि में 18 लाख करोड़ रुपये रही, जिसमें 12.74 लाख करोड़ रुपये कर राजस्व, 4.89 लाख करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व और 37,095 करोड़ रुपये की गैर-ऋण पूंजीगत आय शामिल है।
इस दौरान केंद्र से राज्यों को कर हिस्सेदारी के रूप में 8,34,957 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 1,11,981 करोड़ रुपये अधिक है।
आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार का कुल खर्च 26.25 लाख करोड़ रुपये रहा, जिसमें से 20 लाख करोड़ रुपये राजस्व व्यय और 6.17 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के रूप में खर्च हुए।
राजस्व व्यय में से 6.73 लाख करोड़ रुपये ब्याज भुगतान और 2.46 लाख करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी पर खर्च किए गए।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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