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Monday, 1 December, 2025
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श्री सीमेंट का वित्त वर्ष 2028-29 तक आठ करोड़ टन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य

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(विशेश्वर मालाकार)

कोलकाता, 28 नवंबर (भाषा) श्री सीमेंट लिमिटेड के चेयरमैन एच एम बांगुर ने कहा कि कंपनी प्रीमियम उत्पादों में हिस्सेदारी बढ़ाने के साथ-साथ क्षमता विस्तार योजना पर भी काम कर रही है। कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 2028-29 तक आठ करोड़ टन सालाना क्षमता हासिल करने का है।

बांगुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा कि उपभोक्ताओं की बदलती मांग ही इस दोहरी रणनीति का मूल आधार है।

उन्होंने कहा कि कंपनी जानबूझकर कम लाभांश वाले खंड से हटकर उच्च लाभांश वाले खंड की ओर बढ़ रही है, क्योंकि समाज अब तेजी से बेहतर और प्रीमियम उत्पादों की मांग कर रहा है।

हालांकि उन्होंने प्रीमियम उत्पादों में हिस्सेदारी का कोई निश्चित लक्ष्य बताने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि बाजार में कीमतें बहुत तेजी से बदलती रहती हैं, इसलिए कोई पक्का आंकड़ा देना उचित नहीं होगा।

उन्होंने साबुन के बाजार का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले सस्ते-पारंपरिक साबुन ही चलते थे, मगर आज उपभोक्ता प्रीमियम साबुन को तरजीह दे रहे हैं। ठीक वैसा ही बदलाव अब सीमेंट में भी दिख रहा है।

बांगुर ने कहा, ‘भारत बदल रहा है… लोग अब सिर्फ सस्ता नहीं, बेहतर उत्पाद चाहते हैं। इसलिए हम भी कंपनी का पूरा ध्यान साधारण सीमेंट से हटाकर प्रीमियम सीमेंट पर केंद्रित कर रहे हैं।’

वित्त वर्ष 2025-26 की जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी के प्रीमियम उत्पादों का राजस्व में योगदान 15 प्रतिशत से बढ़कर 21.1 प्रतिशत हो गया। इससे प्रति टन प्राप्ति मूल्य पिछले साल के 4,451 रुपये से बढ़कर 4,840 रुपये हो गया।

जब बांगुर से पूछा गया कि आठ करोड़ टन सालाना क्षमता हासिल आने तक कंपनी की प्रीमियम खंड में हिस्सेदारी कितनी होगी, बांगुर ने कहा, “यह गतिशील लक्ष्य है। 25 प्रतिशत या 35 प्रतिशत जैसा कोई निश्चित आंकड़ा देना गलत होगा। समाज जितनी तेजी से प्रीमियम अपनाएगा, हमारी हिस्सेदारी उतनी ही बढ़ेगी। हमारा मकसद किसी आंकड़ो को छूना नहीं, बल्कि बाजार के साथ लगातार प्रीमियम हिस्सेदारी को अधिकतम करना है।”

उन्होंने यह भी कहा कि श्री सीमेंट का क्षमता विस्तार तेजी से हो रहा है।

उन्होंने बताया कि कंपनी ने हाल ही में राजस्थान के जैतारण स्थित अपने एकीकृत संयंत्र में 36.5 लाख टन की क्लिंकराइजेशन इकाई चालू की है। इसी स्थान परिसर में 30 टन की सीमेंट मिल तथा कर्नाटक के कोडला में 30 लाख टन का नया एकीकृत संयंत्र इस तिमाही में शुरू हो जाएगा। इसके बाद कंपनी की कुल क्षमता लगभग 6.88 करोड़ टन प्रति वर्ष हो जाएगी।

बांगुर ने कहा कि इस आधार से वित्त वर्ष 2026-27 तक क्षमता 7.2-7.5 करोड़ टन तक पहुंच जाने का अनुमान है। इसके लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया जाएगा। आठ करोड़ टन के अंतिम लक्ष्य को वित्त वर्ष 2027-28 या 2028-29 में पूरा करने की योजना है, जो बाजार मांग और क्षमता उपयोग दर पर निर्भर करेगा।

कंपनी ने कहा कि उसने दीर्घकालिक मांग को प्रोत्साहित करने के लक्ष्य के साथ हाल ही में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर को तर्कसंगत बनाने (28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत) का लाभ पूरी तरह से ग्राहकों को दिया है।

भाषा योगेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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