जयपुर, 14 भाषा (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार विधानसभा के चुनाव परिणाम को धनबल और सत्ता के दुरुपयोग से लोकतंत्र की लूट करार देते हुए कहा है कि अब समय आ गया है कि देशवासी लोकतंत्र बचाने के लिए संकल्प लें।
गहलोत ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘‘बिहार चुनाव धनबल और सत्ता के दुरुपयोग से लोकतंत्र की लूट है। चुनाव में हार-जीत चलती रहती है परन्तु इस चुनाव को भाजपा-जदयू और निर्वाचन आयोग ने मिलकर हाईजैक कर लिया जिससे इंडिया गठबंधन को हार का मुंह देखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘बिहार में आचार संहिता लगने के बाद एक करोड़ से अधिक महिलाओं के खातों में दस-दस हजार रुपये डाले गए। यह एक तरीके से ‘कैश फॉर वोट’ यानी वोट खरीदी हुई और निर्वाचन आयोग मौन होकर देखता रहा। यह चुनावों में पैसे बांटकर वोट खरीदने के समान है जो गैरकानूनी है।’’
उन्होंने कहा कि यह वोट चोरी का ही एक नया संस्करण है।
गहलोत के अनुसार राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं को स्मार्टफोन देने वाली योजना पर रोक लगा दी गई थी जबकि यह योजना फरवरी, 2022 में आए राज्य बजट की घोषणा के अनुसार चलाई जा रही थी और करीब 30 प्रतिशत पात्र महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जा चुके थे। इसके साथ ही पहले से चल रहीं सामाजिक सुरक्षा पेंशन, अन्नपूर्णा योजना तक को भी रोक दिया गया।
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत बिहार में महिलाओं के खाते में चुनाव के दौरान भी 10,000 रुपये नई योजना के तहत डाले गए जो आचार संहिता से महज कुछ दिन पहले शुरू की गई थी। पहले महाराष्ट्र में भी चुनाव से पहले महिलाओं को 7500-7500 रुपये बांटे गए थे।
गहलोत ने लिखा,‘‘बिहार चुनाव से ठीक पहले, सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लिए बिना, एसआईआर के माध्यम से लाखों मतदाताओं के नाम हटा दिए गए। ’’
भाषा पृथ्वी राजकुमार
राजकुमार
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