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Friday, 14 November, 2025
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बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का खाता भी नहीं खुला

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पटना, 14 नवंबर (भाषा) बिहार चुनाव में ‘एक्स फैक्टर’ कही जाने वाली पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) 238 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद 243 सदस्यीय विधानसभा में अपना खाता भी नहीं खोल पाई।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, जेएसपी के अधिकतर उम्मीदवारों को कुल डाले गए मतों के 10 प्रतिशत से भी कम वोट मिले हैं और उनकी जमानत जब्त हो गई है।

अब तक पार्टी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नवीन कुमार सिंह उर्फ ​​अभय सिंह का रहा, जो मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र से दूसरे स्थान पर रहे। राजद के जितेंद्र कुमार राय ने यह सीट 27,928 मतों के अंतर से जीती।

पूर्व चुनाव रणनीतिकार द्वारा गठित यह पार्टी जोरदार प्रचार अभियान तथा बेरोजगारी, पलायन और उद्योगों की कमी जैसे ज्वलंत मुद्दों को उठाने के बावजूद अपने पक्ष में वोट जुटाने में विफल रही।

आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 238 निर्वाचन क्षेत्रों में जेएसपी के अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने की संभावना है।

कई सीट पर जेएसपी उम्मीदवारों के वोटों की संख्या नोटा (इनमें से कोई नहीं) श्रेणी से भी कम है।

फोर्ब्सगंज विधानसभा सीट से जेएसपी उम्मीदवार मोहम्मद एकरामुल हक को मतगणना पूरी होने पर सिर्फ 977 वोट मिले, जबकि नोटा के तहत 3,114 वोट दर्ज किए गए।

बहुत कम जसुपा उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने 10 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल किए। इनमें चनपटिया सीट से त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप शामिल हैं, जिन्हें 24वें चरण की गिनती के बाद 17.2 प्रतिशत मत मिले।

मतगणना पूरी होने के बाद जोकीहाट सीट से सरफराज आलम को 16.26 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए।

भोजपुरी गायक रितेश पांडे भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में असफल रहे और उन्हें केवल 7.45 प्रतिशत वोट ही मिल सके।

किशोर ने पहले दावा किया था कि उनकी पार्टी 150 सीट जीतेगी, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि सीटों की संख्या में या तो पार्टी शीर्ष पर होगी या सबसे निचले पायदान पर, लेकिन बिहार चुनाव में कोई बीच का रास्ता नहीं है।

जेएसपी बिहार के अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा, ‘‘हम एक नई राजनीति शुरू करना चाहते थे और लोगों को बिहार की दुर्दशा के बारे में बताना चाहते थे। हमें शुरुआती दिनों से ही यकीन था कि अगर लोग हमारी बातों को समझेंगे तो हम शीर्ष पर होंगे अन्यथा सबसे नीचे।’’

भाषा

शुभम नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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