नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने लाल किला के नजदीक 10 नवंबर को हुए विस्फोट के में मामले में फरीदाबाद के एक कार विक्रेता को हिरासत में लिया है।
पुलिस ने इसी के साथ दिल्ली तथा आसपास के राज्यों के सभी पुराने कार विक्रेताओं से हाल में हुई वाहनों की बिक्री का विवरण सत्यापित करने और साझा करने का निर्देश दिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद के सेक्टर 37 स्थित रॉयल कार प्लाजा के मालिक अमित को फरीदाबाद पुलिस की सहायता से सोमवार देर रात हिरासत में लिया गया।
उन्होंने कथित तौर पर हुंदै आई20 की बिक्री में मदद की थी, जिसका इस्तेमाल सोमवार को लाल किले के पास हुए शक्तिशाली विस्फोट में किया गया था। इस विस्फोट में 12 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘अमित से पूछताछ की जा रही है। जांच दल हुंदै आई20 के स्वामित्व की पूरी कड़ी की जानकारी जुटा रहा है और यह पता कर रहा है कि यह संदिग्ध के हाथों में कैसे पहुंची। हम यह पता लगा रहे हैं कि गाड़ी उसके शोरूम में कौन लाया और किसके जरिए डॉ. उमर नबी उसके संपर्क में आया।’’
दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ कार की बिक्री में शामिल संभावित बिचौलियों की पहचान करने के लिए डीलरशिप के रिकॉर्ड, लेनदेन विवरण और सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रहा है।
ऐसा माना जा रहा है कि हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ. उमर नबी लाल किले के निकट हुए विस्फोट के समय उक्त वाहन चला रहा था।
विस्फोट के बाद, दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास पुरानी कार बेचने वालों द्वारा बेचे गए वाहनों का सत्यापन अभियान शुरू किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के 15 जिलों के सभी पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) को स्थानीय कार डीलरों के साथ बैठक करने और अपने-अपने थाना प्रभारियों (एसएचओ) को बिक्री और खरीद के रिकॉर्ड का सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारी ने कहा,‘‘सभी एसएचओ को अपने न्यायाधिकार क्षेत्र में कार विक्रेताओं के पास जाकर हाल ही में बेचे गए या हस्तांतरित वाहनों से संबंधित दस्तावेज़ों की जांच करने को कहा गया है। उन्हें खरीदारों, विशेष रूप से दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर के खरीदारों का विवरण एकत्र करने और किसी भी संदिग्ध लेनदेन की पहचान करने का भी काम सौंपा गया है।’’
सूत्रों ने बताया कि हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को भी राष्ट्रीय राजधानी से सटे अपने-अपने क्षेत्रों में इसी तरह वाहन बिक्री के दस्तावेजों का सत्यापन करने की जिम्मेदारी दी गई है।
उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य उन वाहनों की पहचान करना है जो फर्जी पहचान का उपयोग करके या मानक सत्यापन प्रक्रियाओं को दरकिनार कर नकद लेनदेन के माध्यम से खरीदे गए हैं।
इस बीच, समन्वय को मजबूत करने और वाहन सत्यापन मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली में कई कार विक्रेताओं के साथ एक बैठक आयोजित की गई।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कार विक्रेताओं को सलाह दी गई कि वे उचित बिक्री-खरीद रिकॉर्ड बनाए रखें और कोई भी वाहन सौंपने से पहले खरीदार के आधार, ड्राइविंग लाइसेंस और पते के दस्तावेजों का सत्यापन करें। उन्हें किसी भी संदिग्ध खरीदार या लेनदेन की तुरंत पुलिस को सूचना देने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।’’
भाषा धीरज वैभव
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