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Wednesday, 12 November, 2025
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अल फलाह विश्वविद्यालय ने गिरफ्तार चिकित्सकों से दूरी बनाई, जांच एजेंसियों से सहयोग की बात कही

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फरीदाबाद (हरियाणा), 12 नवंबर (भाषा) दिल्ली में लाल किला विस्फोट की घटना के बाद जांच के दायरे में आई फरीदाबाद की अल फलाह विश्वविद्यालय ने बुधवार को कहा कि घटना के संबंध में गिरफ्तार किए गए उसके दो चिकित्सकों से उसका केवल पेशेवर संबंध है और वह इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी है।

इन चिकित्सकों से दूरी बनाते हुए विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि यह जिम्मेदार संस्थान है और देश के साथ एकजुटता से खड़ा है।

निजी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने एक बयान में कहा, ‘‘हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बेहद दुखी और व्यथित हैं तथा इसकी निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं इन दुखद घटनाओं से प्रभावित सभी निर्दोष लोगों के साथ हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह भी पता चला है कि हमारे दो चिकित्सकों को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि विश्वविद्यालय का उक्त व्यक्तियों से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि वे विश्वविद्यालय में आधिकारिक रूप से काम कर रहे हैं।’’

डॉ मुजम्मिल गनई और डॉ शाहीन सईद को दिल्ली में सोमवार को हुए विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई।

डॉ गनई को 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। वह अल फलाह विश्वविद्यालय में शिक्षक था। उसके किराए के दो कमरों से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ बरामद किए गए थे। हालांकि, ये कमरे विश्वविद्यालय परिसर का हिस्सा नहीं थे और इसके बाहर किराए पर लिए गए थे।

इसमें कहा गया, ‘‘इसके अलावा, विश्वविद्यालय संबंधित जांच अधिकारियों को अपना पूर्ण सहयोग दे रहा है ताकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामले में तार्किक, निष्पक्ष और निर्णायक निर्णय पर पहुंच सकें।’’

विश्वविद्यालय ने ‘‘उसकी साख को बट्टा लगाने की स्पष्ट मंशा के साथ कुछ ऑनलाइन मंचों से निराधार और भ्रामक खबरें प्रसारित किए जाने’’ पर भी चिंता जताई। बयान में कहा गया, ‘‘हम इस तरह के झूठे और अपमानजनक आरोपों की कड़ी निंदा करते हैं और स्पष्ट रूप से इन्हें खारिज करते हैं।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘इसके द्वारा यह स्पष्ट किया जाता है कि विश्वविद्यालय परिसर में ऐसा कोई रसायन या सामग्री, जिसका आरोप कुछ प्लेटफार्मों द्वारा लगाया जा रहा है, का उपयोग, भंडारण नहीं किया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रयोगशालाओं का उपयोग केवल और केवल एमबीबीएस छात्रों और अन्य अधिकृत पाठ्यक्रमों की शैक्षणिक और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के लिए किया जाता है। प्रयोगशाला की प्रत्येक गतिविधि नियामक अधिकारियों द्वारा निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल, वैधानिक मानदंडों और नैतिक मानकों का कड़ाई से पालन करते हुए की जाती है।’’

दिल्ली में लालकिले के पास सोमवार शाम हुए विस्फोट की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इसका संबंध फरीदाबाद में उजागर हुए कथित आतंकी मॉड्यूल से है।

अधिकारियों के अनुसार, हरियाणा नंबर की जिस कार में विस्फोट हुआ, उसे डॉ. उमर नबी चला रहा था। वह भी विश्वविद्यालय ये जुड़ा था।

अल फलाह विश्वविद्यालय ने अपने बयान में यह भी कहा, ‘‘हम यह भी स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि एक जिम्मेदार संस्थान के रूप में, हम राष्ट्र के साथ एकजुटता से खड़े हैं और अपने देश की एकता, शांति एवं सुरक्षा के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।’’

उसने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय संबंधित जांच अधिकारियों को पूरा सहयोग दे रहा है ताकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामले में एक तार्किक, निष्पक्ष और निर्णायक विचार पर पहुंच सकें।’’

पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि उसकी एक टीम अल फलाह विश्वविद्यालय पहुंची, जहां उसने कई कर्मचारियों और डॉक्टरों से पूछताछ की।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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