फरीदाबाद (हरियाणा), 12 नवंबर (भाषा) अल फलाह यूनिवर्सिटी ने बुधवार को कहा कि दिल्ली विस्फोट मामले में गिरफ्तार किए गए दो डॉक्टरों एवं मुख्य संदिग्धों के साथ उसका कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि इन लोगों ने विश्वविद्यालय में अपनी आधिकारिक क्षमता में काम किया।
राष्ट्रीय राजधानी के पास फरीदाबाद स्थित निजी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने एक बयान में कहा, ‘‘हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बेहद दुखी और व्यथित हैं तथा इसकी निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ इन दुखद घटनाओं से प्रभावित सभी निर्दोष लोगों के साथ हैं।’’
बयान में कहा गया कि विश्वविद्यालय से जुड़े दो डॉक्टरों को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है। इसमें कहा गया, ‘‘हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि विश्वविद्यालय का उक्त व्यक्तियों के साथ कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि वे विश्वविद्यालय में आधिकारिक क्षमता में काम कर रहे थे।’’
इसमें कहा गया, ‘‘इसके अलावा, विश्वविद्यालय संबंधित जांच अधिकारियों को अपना पूर्ण सहयोग दे रहा है ताकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामले में तार्किक, निष्पक्ष और निर्णायक निर्णय पर पहुंच सकें।’’
अल फलाह यूनिवर्सिटी में काम करने वाले एक कश्मीरी डॉक्टर द्वारा किराए पर लिए गए दो कमरों से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ बरामद किए गए थे। हालांकि, ये कमरे विश्वविद्यालय परिसर का हिस्सा नहीं थे और इसके बाहर किराए पर लिए गए थे।
धौज और फतेहपुर तगा गाँवों में डॉ. मुज़म्मिल (35) के पास से विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए थे। उसे 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली में लालकिले के पास सोमवार शाम हुए विस्फोट की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इसका संबंध फरीदाबाद में उजागर हुए कथित आतंकी मॉड्यूल से है।
हरियाणा में फरीदाबाद जिले के धौज में स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी एक निजी संस्थान है, जिसके परिसर में एक अस्पताल भी है।
अधिकारियों के अनुसार, हरियाणा नंबर की जिस कार में विस्फोट हुआ, उसे डॉ. उमर नबी चला रहा था। वह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर भी कार्यरत था।
यूनिवर्सिटी ने अपने बयान में कहा, ‘‘हम यह भी स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि एक जिम्मेदार संस्थान के रूप में, हम राष्ट्र के साथ एकजुटता से खड़े हैं और अपने देश की एकता, शांति एवं सुरक्षा के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।’’
पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि उसकी एक टीम अल फलाह यूनिवर्सिटी पहुंची, जहां कश्मीरी डॉक्टर पिछले साढ़े तीन साल से रह रहा था। इसने कहा कि वहां कई कर्मचारियों और डॉक्टरों से पूछताछ की गई।
भाषा नेत्रपाल मनीषा
मनीषा
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