पुणे, नौ नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी के विवादास्पद भूमि सौदे के मामले में निलंबित तहसीलदार ने लंबे समय से किरायेदार रहे भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) से जमीन खाली करने को कहा था।
बीएसआई को बेदखली नोटिस में, तत्कालीन तहसीलदार सूर्यकांत येओले ने केंद्रीय संगठन को सूचित किया था कि कंपनी, अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी ने ‘‘कानूनी रूप से’’ संपत्ति हासिल की है।
पुणे के कलेक्टर जितेंद्र डूडी ने कहा कि यह नोटिस ‘‘अवैध’’ है।
पुणे के पॉश मुंधवा इलाके में 40 एकड़ जमीन 300 करोड़ रुपये में एक कंपनी को बिक्री की गई, जिसमें अजित पवार के बेटे पार्थ पवार के पास सबसे अधिक हिस्सेदारी है। इस सौदे को लेकर अनियमितताओं और जरूरी मंजूरी नहीं होने के आरोप लगे हैं। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि जमीन का बाजार मूल्य 1,800 करोड़ रुपये था।
‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा प्राप्त आधिकारिक दस्तावेजों की प्रतियों के अनुसार, 40 एकड़ की ‘महार वतन’ भूमि, जो महार (अनुसूचित जाति) समुदाय की वंशानुगत भूमि है, का विक्रय विलेख इस वर्ष 20 मई को अमाडिया एंटरप्राइजेज द्वारा निष्पादित किया गया था।
छह दिन बाद, कंपनी ने येओले से भूमि खाली कराने का अनुरोध किया।
नौ जून को, येओले ने बीएसआई के संयुक्त निदेशक को पत्र लिखकर समझौते के एक खंड का हवाला देते हुए कहा कि उनका पट्टा समाप्त हो गया है।
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शफीक सुभाष
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