लेह, एक नवंबर (भाषा) लद्दाख प्रशासन ने लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी), लेह के चुनाव में देरी के पीछे का कारण जारी प्रशासनिक बदलावों और महिला आरक्षण के लिए संशोधनों के कार्यान्वयन को बताया है।
विधि एवं न्याय विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उपायुक्त रोमिल सिंह को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत परिषद के कामकाज का कार्यभार सौंपा गया है। वह नए चुनावों के बाद नयी परिषद का गठन होने तक कार्यभार संभालेंगे। परिषद का पांच साल का कार्यकाल दो दिन पहले समाप्त हो गया था।
यह घटनाक्रम लेह में 24 सितंबर को ‘लेह एपेक्स बॉडी’ (एलएबी) द्वारा आहूत आम हड़ताल के दौरान भड़की हिंसा के कुछ सप्ताह बाद हुआ है। एलएबी, ‘करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ (केडीए) के साथ मिलकर लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।
इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। केंद्र सरकार ने इस घटना की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जांच कराए जाने के आदेश दिए हैं।
लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी), लेह का छठा चुनाव 26 अक्टूबर, 2020 को हुआ था और परिषद का पांच वर्षीय कार्यकाल 30 अक्टूबर को समाप्त हो गया।
आदेश में कहा गया है, ‘‘नए जिलों के गठन की जारी प्रक्रिया और इसके परिणामस्वरूप परिषद क्षेत्रों एवं निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं को फिर से निर्धारित करने की आवश्यकता तथा एलएएचडीसी में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने के लिए एलएएचडीसी अधिनियम, 1997 में संशोधन के कार्यान्वयन की आवश्यकता के मद्देनजर इस स्तर पर नए एलएएचडीसी, लेह के गठन के लिए चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं है क्योंकि इससे प्रतिनिधित्व संबंधी और प्रशासनिक विसंगतियां पैदा होंगी।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘कार्यों के प्रभावी निर्वहन के लिए यह निर्देश दिया जाता है कि लेह के उपायुक्त 31 अक्टूबर से लेकर नए चुनावों के बाद नयी परिषद के गठन तक एलएएचडीसी, लेह के मामलों का प्रशासन करेंगे।’’
केंद्र सरकार ने पिछले साल 25 अगस्त को लोगों की मांग पर लद्दाख के लिए पांच नए जिलों-लेह में तीन और करगिल में दो-को मंजूरी दी थी जिससे केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की कुल संख्या सात हो गई। नए जिलों का गठन होना हालांकि अभी बाकी है।
केंद्र सरकार ने तीन दिसंबर, 2024 को लेह और करगिल में दो पर्वतीय परिषदों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की भी घोषणा की। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस द्वारा शासित करगिल पर्वतीय परिषद का गठन अक्टूबर 2023 में हुआ था और अक्टूबर 2028 में उसका पांच साल का कार्यकाल पूरा होगा।
पूरे लद्दाख क्षेत्र में नगरपालिकाओं और पंचायतों का कार्यकाल नवंबर-दिसंबर 2023 में पूरा हो रहा है। लेह और करगिल पर्वतीय परिषदों में 30-30 सीट हैं। इनमें से 26 सीट के लिए चुनाव होते हैं, जबकि चार पार्षदों को केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा नामित किया जाता है।
भाषा सिम्मी प्रशांत
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