पटना/गोपालगंज, एक नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई साधु यादव का जिक्र करते हुए राज्य के लोगों से कहा कि अगर राजद सत्ता में लौटा तो ‘‘जंगल राज’’ वापस आ जाएगा।
शाह को गोपालगंज जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करना था, लेकिन खराब मौसम के कारण वह रैली स्थल पर नहीं पहुंच सके। इसके चलते उन्होंने रैली को डिजिटल रूप से संबोधित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव यह तय करने का अवसर है कि बिहार का भविष्य किसे सौंपा जाए। एक तरफ वे लोग हैं जिन्होंने ‘जंगल राज’ की शुरुआत की थी। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी है, जिन्होंने विकास किया है।’’
शाह ने कहा, ‘‘गोपालगंज के लोगों ने 2002 के बाद से कभी भी राजद को वोट नहीं दिया। मुझे यकीन है कि वे इस रुझान को जारी रखेंगे… साधु यादव के कारनामों को गोपालगंज के लोगों से बेहतर कोई नहीं जानता।’’
गोपालगंज से विधायक और सांसद रह चुके साधु यादव अपनी बहन राबड़ी देवी के राज्य की मुख्यमंत्री रहते काफी प्रभावशाली माने जाते थे।
उन पर लगे आरोपों में से एक आरोप 1999 में राबड़ी देवी की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती की शादी के दौरान एक शोरूम से कारों को जबरन उठा ले जाने का भी था। इस घटना का जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक रैली में किया था, हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था।
उसी साल हुए शिल्पी गौतम हत्याकांड में भी यादव का नाम उछला था। हाल ही में यह प्रकरण तब सुर्खियों में आया जब जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस मामले में तत्कालीन राजद नेता और अब भाजपा में शामिल तथा राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की मिलीभगत का आरोप लगाया।
गृह मंत्री ने मध्य बिहार के उन गांवों के नाम भी गिनाए जो राजद शासन के दौरान नरसंहार के लिए सुर्खियों में रहे थे। ये नरसंहार उस समय हुए थे जब राज्य के कई जिले गैरकानूनी नक्सली समूहों और उच्च जाति के जमीदारों के निजी समूहों के बीच खूनी संघर्ष की चपेट में थे।
शाह ने सत्तारूढ़ राजग द्वारा एक दिन पहले जारी घोषणापत्र में किए गए वादों को भी दोहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘घोषणापत्र में दो प्रमुख बातें हैं – एक किसानों के लिए और एक महिलाओं के लिए, जिसे मैं दोहराना चाहता हूं। हाल ही में, नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी ने 1.41 करोड़ ‘जीविका दीदियों’ के खातों में 10,000 रुपये जमा किए हैं। वे सभी जीविका दीदियों को अलग-अलग तरीकों से दो लाख तक भेजेंगे। दूसरा, हम बिहार के 27 लाख किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये देते हैं। अब, हम इसमें 3,000 रुपये जोड़कर 9,000 रुपये देंगे।’’
शाह ने यह भी कहा कि राज्य की सभी चीनी मिल अगले पांच वर्षों में पुनः खोल दी जाएंगी।
भाषा कैलाश नेत्रपाल
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