रांची, 17 जुलाई (भाषा) झारखंड का पंचायती राज विभाग अपने कामकाज, समीक्षा प्रणाली और प्रदर्शन में सुधार के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित मंच के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि विभाग विभिन्न हितधारकों के साथ इस विषय पर चर्चा कर रहा है और निकट भविष्य में इसे क्रियान्वित किया जा सकता है।
पंचायती राज विभाग की निदेशक राजेश्वरी बी ने कहा, ‘हमारे पास जल्द ही एआई-आधारित प्लेटफॉर्म होंगे। ये समीक्षा तंत्र को बेहतर बनाने और काम को सुचारू रूप से करने में मदद करेंगे। एआई आंकड़े और आंकड़ा विश्लेषण के उपयोग को समझने में भी मदद करेगा, जो बहुत महत्वपूर्ण है।’
उन्होंने कहा, ‘चर्चा चल रही है और हम जल्द ही एआई-आधारित प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू करेंगे।’
विभाग ने बृहस्पतिवार को पंचायत उन्नयन सूचकांक (पीएआई) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें पीएआई के तहत पंचायतों को दिए गए नौ विषयों में डेटा एंट्री के महत्व पर विभिन्न अधिकारियों और प्रतिनिधियों को जागरूक किया गया।
पीएआई केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की एक पहल है जिसके जरिए देशभर की ग्राम पंचायतों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है।
पीएआई के तहत नौ विषयों में मूल्यांकन किया जाता है जिनमें गरीबी मुक्त और आजीविका संपन्न पंचायत, स्वस्थ पंचायत, बाल हितैषी, जल-सम्पन्न, स्वच्छ एवं हरित, सामाजिक न्याययुक्त और सामाजिक सुरक्षा संपन्न, आधारभूत संरचना से सुसज्जित, सुशासित एवं महिला अनुकूल पंचायत शामिल हैं।
विभाग ने इस मौके पर वर्ष 2022-23 के लिए झारखंड का पीएआई रिपोर्ट भी जारी किया।
जिला-वार आंकड़ों में लोहरदगा 59.37 प्रतिशत अंकों के साथ पहले स्थान पर रहा। इसके बाद खूंटी (59.27 प्रतिशत), पश्चिमी सिंहभूम (56.48 प्रतिशत), धनबाद (54.15 प्रतिशत) और जामताड़ा (53.91 प्रतिशत) रहे।
राज्य ने पीएआई के तहत थीम-2 यानी ‘स्वस्थ पंचायत’ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
झारखंड में कुल 4,345 मान्यता प्राप्त पंचायतों में से 4,281 ने पीएआई में डेटा एंट्री की है।
राजेश्वरी ने बताया, “कुछ पंचायतों ने अभी तक कोई डेटा एंट्री नहीं की है जबकि कुछ ने आंशिक एंट्री की है। हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और उन्हें उचित प्रशिक्षण दे रहे हैं ताकि सभी प्रविष्टियां समय पर और सही तरीके से हो सकें।”
भाषा
राखी रंजन
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