पटना, 17 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में शुक्रवार को एक रैली को संबोधित करने के लिए राज्य का दौरा करेंगे।
मोदी 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत भी करेंगे।
जिला मुख्यालय मोतिहारी शहर के गांधी मैदान में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, जहां मोदी के दोपहर में पहुंचने और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ मंच साझा करने की उम्मीद है।
पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने कहा, ‘‘रैली स्थल पर जनता के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिसमें लगभग पांच लाख लोगों के आने की उम्मीद है।’’
जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से लोगों के आने की संभावना है। इसलिए, 10,000 बसों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि कस्बे में 10,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह राज्य का 53वां दौरा होगा, ‘‘जो दर्शाता है कि बिहार मोदी की प्राथमिकताओं की सूची में शीर्ष पर है।’’
शुरू की जाने वाली विकास परियोजनाओं में से रेलवे से संबंधित परियोजनाएं 5,385 करोड़ रुपये की होंगी।
रेलवे द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इसमें 4,079 करोड़ रुपये की लागत से 256 किलोमीटर लंबे दरभंगा-नरकटियागंज और 585 करोड़ रुपये की लागत से दरभंगा-थलवारा और समस्तीपुर-रामभद्रपुर लाइनों का दोहरीकरण शामिल है।
इस बीच, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘कल, जब प्रधानमंत्री बिहार में होंगे, तो हमें उम्मीद है कि राज्य में बढ़ती अपराध दर पर उनके पास कुछ शब्द होंगे।’’
यादव ने आरोप लगाया, ‘‘बिहार की धरती पर हर रैली में मोदी यह कहते हुए दिखते हैं कि अगर राजद के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में आया तो जंगल राज लौट आएगा। उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि जंगल राज पहले ही आ चुका है। दरअसल, यह राज्य में राजग के 20 साल के शासन के दौरान से ही है।’’
कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि बिहार के लोग प्रधानमंत्री की अनगिनत यात्राओं के दौरान की गई हरकतों से तंग आ चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें अभी भी वह बयानबाजी याद है जिसके साथ उन्होंने 2015 में राज्य को 1.25 लाख करोड़ रुपये की सहायता देने का वादा किया था। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।’’
नायक ने यह भी आरोप लगाया कि ‘‘बूथ कैप्चरिंग’’ की जगह ‘‘वोटर्स लिस्ट कैप्चरिंग’’ ने ले ली है क्योंकि निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है ताकि विधानसभा चुनाव के नतीजों को भाजपा के पक्ष में किया जा सके।
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देवेंद्र माधव
माधव
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