(तस्वीरों के साथ)
वडोदरा, 11 जुलाई (भाषा) गुजरात के वडोदरा जिले में महिसागर नदी पर बने पुल के ढहने की घटना में घायल एक व्यक्ति की उपचार के दौरान मौत और एक लापता व्यक्ति का शव बरामद होने के बाद मृतकों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 20 हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति अब भी लापता है, जिसकी तलाश जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि लापता व्यक्ति को ढूंढने के प्रयास शनिवार को फिर से शुरू किए जाएंगे, क्योंकि खोज एवं बचाव अभियान शाम को रोक दिया गया।
बुधवार सुबह पादरा कस्बे के निकट गंभीरा गांव के पास चार दशक पुराने पुल का एक हिस्सा ढह जाने से कई वाहन महिसागर नदी में गिर गए। यह पुल आणंद और वडोदरा जिलों को जोड़ता है।
इस बीच, प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए राज्य के एक मंत्री ने कहा कि पुल का हिस्सा ढहने का कारण ‘‘आधार में दरार और जोड़ टूटना’’ रहा।
वडोदरा के जिलाधिकारी अनिल धमेलिया ने कहा, ‘‘पहले दिन हमें 12 शव और दूसरे दिन छह शव बरामद हुए। आज दुर्भाग्यवश एक पीड़ित की अस्पताल में मौत हो गई तथा एक और शव बरामद किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम तकनीकी टीम की मदद से मुख्य स्लैब को हटाने की कोशिश करेंगे। सल्फ्यूरिक एसिड ले जा रहे एक टैंकर को भी सुरक्षित निकालने की कोशिश की जाएगी, जो अब भी पानी में फंसा हुआ है।’’
एसएसजी अस्पताल में उपचाराधीन पांच घायलों में से एक, दहेवन निवासी 45 वर्षीय नरेंद्र सिंह परमार की शुक्रवार को मौत हो गई।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पुल ढहने के सिलसिले में बृहस्पतिवार को कार्रवाई करते हुए राज्य के सड़क और भवन विभाग के चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया।
राज्य के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने घटनास्थल का दौरा किया और मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा गठित एक समिति द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
उन्होंने बताया कि राज्य के सड़क एवं भवन विभाग की एक उच्च स्तरीय जांच समिति 30 दिनों में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
दौरे के बाद मंत्री ने बताया कि राज्य में जिन 7,000 पुलों का सर्वेक्षण किया गया है, उनमें से सरकार ने उन पुलों की पहचान की है, जिनकी मरम्मत या नए पुल के निर्माण की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, यह पाया गया है कि पुल का जोड़ टूटने के कारण पुल ढह गया। सड़क एवं भवन विभाग की यह समिति 30 दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट देगी।’’
ऋषिकेश पटेल ने कहा कि तकनीकी और प्रशासनिक कारणों सहित सभी पहलुओं की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी और उसके आधार पर अन्य निर्णय लिए जाएंगे।
पटेल ने बाद में एसएसजी अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
इससे पहले दिन में, जिलाधिकारी अनिल धमेलिया ने बताया कि गंभीरा पुल हादसे के तीसरे दिन तलाश एवं बचाव अभियान फिर शुरू किया गया।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘आज हमारे अभियान का मुख्य उद्देश्य नदी में गिरे स्लैब के नीचे फंसे एक शव को निकालना और एक ट्रक के लापता चालक का पता लगाना है।’’
धमेलिया ने बताया कि यह अभियान राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) एवं अन्य एजेंसियों द्वारा चलाया जा रहा है, जिसमें स्थानीय लोग भी शामिल हैं।
इस बीच, कांग्रेस की गुजरात इकाई ने आरोप लगाया कि स्थानीय जिला पंचायत सदस्य द्वारा 2022 में दी गई इस चेतावनी के बावजूद कि पुल की स्थिति ठीक नहीं है और इसे यातायात के लिए बंद कर दिया जाना चाहिए, भाजपा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने मांग की कि राज्य के सभी पुलों की निरीक्षण रिपोर्ट और फिटनेस प्रमाणपत्र सार्वजनिक किए जाएं ताकि लोगों को पता चल सके कि कौन से पुल यात्रा के लिए अनुपयुक्त हैं।
चावड़ा ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि जर्जर हालत वाले सभी पुलों को यात्रियों के लिए तत्काल बंद किया जाए तथा ऐसे मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों और यहां तक कि मंत्रियों की जवाबदेही तय की जाए। पादरा में उसी स्थान पर एक नया पुल बनाया जाना चाहिए।’’
भाषा शफीक दिलीप
दिलीप
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