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Thursday, 27 February, 2025
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बिहार सरकार ने बंद औद्योगिक इकाइयों को पुनर्जीवित करने के लिए एग्जिट पॉलिसी पेश की

एग्जिट पॉलिसी से अप्रयुक्त औद्योगिक भूमि को खाली करने और उद्यमियों के लिए नए अवसर प्रदान करने की उम्मीद है. यह BIADA को नए निवेशकों को भूमि पुनः आवंटित करने, औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और राज्य में रोजगार पैदा करने में भी मदद करेगी.

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नई दिल्ली: बिहार सरकार ने बंदी पड़ी औद्योगिक इकाइयों से ज़मीन को दोबारा प्राप्त करके और नए कारोबार के लिए इसे दोबारा आवंटित करके औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एग्जिट पॉलिसी 2025 शुरू की है. यह पहली बार है जब राज्य सरकार ने ऐसी नीति पेश की है, जिसका उद्देश्य भूमि उपयोग को अनुकूलित करना और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है.

11 फरवरी, 2025 को बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) की 93वीं बोर्ड बैठक के दौरान इस फैसले को मंजूरी दी गई.

पॉलिसी बंद या इनेक्टिव औद्योगिक इकाइयों वाले उद्यमियों को अपनी आवंटित ज़मीन को BIADA को सौंपने की अनुमति देती है, जिसके बदले में उन्हें अपनी जमा की गई लीज राशि वापस मिलेगी. यह पहल उस ज़मीन को टारगेट करेगी जो कारोबार बंद होने के कारण अप्रयुक्त रह जाती है, जिससे नई औद्योगिक परियोजनाओं के लिए इसकी क्षमता का पता चलता है.

एग्जिट पॉलिसी निम्नलिखित पर लागू होती है:

वैध आवंटन वाली इकाइयां. ऐसी इकाइयां जिन्होंने अपीलीय प्राधिकरणों, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में ज़मीन रद्द करने के आदेशों के विरुद्ध अपील दायर की है (बशर्ते वे अपनी अपील वापस ले लें). ऐसी इकाइयां जिनका आवंटन रद्द कर दिया गया था, लेकिन कब्जा उद्यमी के पास है. हालांकि, यह नीति उन इकाइयों पर लागू नहीं होती है जिनकी लीज़ अवधि समाप्त हो गई है या ज़मीन को तीसरे पक्ष को फिर आवंटित किया गया है.

वापसी राशि आवेदन के समय BIADA की वर्तमान भूमि दर पर आधारित होगी, जिसमें अप्रयुक्त लीज़ अवधि के अनुपात में कटौती होगी.

वापसी स्लैब इस प्रकार हैं:

1-3 वर्षों से निष्क्रिय इकाइयों के लिए 10%

3-5 वर्षों से निष्क्रिय इकाइयों के लिए 15%

5 वर्षों से अधिक समय से निष्क्रिय इकाइयों के लिए 20%

इसके अलावा, 18% जीएसटी काटा जाएगा और बैंकों, बिजली कंपनियों या सरकारी विभागों के लिए कोई भी बकाया भुगतान से पहले समायोजित किया जाएगा.

वापसी तीन किस्तों में संसाधित की जाएगी — BIADA द्वारा भूमि के कब्जे के चार महीने के भीतर 40%, उसके बाद चार महीने के अंतराल पर 30% की दो समान किस्तें.

उद्यमियों को निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ BIADA मुख्यालय में आवेदन जमा करना होगा:

1. पंजीकृत लीज डीड और आवंटन पत्र

2. बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बकाया नहीं होने का प्रमाण पत्र

3. बिजली कंपनी से अपडेट किया गया बिजली बिल या बकाया नहीं होने का प्रमाण पत्र

4. किसी भी सरकारी विभाग से बकाया नहीं होने की घोषणा करने वाला हलफनामा

आवेदन स्वीकृत होने के बाद, आवेदक को भूमि से संरचना या मशीनरी हटाने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा. ऐसा न करने पर सरकारी नीलामी होगी, जिसमें नीलामी खर्च वापसी राशि से काट लिया जाएगा.

एग्जिट पॉलिसी से अप्रयुक्त औद्योगिक भूमि को खाली करने और उद्यमियों के लिए नए अवसर प्रदान करने की उम्मीद है. यह BIADA को नए निवेशकों को भूमि पुनः आवंटित करने, औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और राज्य में रोजगार पैदा करने में भी मदद करेगी.

नीति के कार्यान्वयन के साथ, बिहार सरकार का लक्ष्य व्यवसाय के अनुकूल माहौल को बढ़ावा देना और राज्य के औद्योगिक विकास को गति देना है. उद्यमी 31 दिसंबर, 2025 तक नीति के लिए आवेदन कर सकते हैं.

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