इंफाल, 23 नवंबर (भाषा) मणिपुर में थाडौ जनजाति का शीर्ष निकाय होने का दावा करने वाले एक संगठन ने शनिवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों तथा सभी समुदायों के नेताओं को राज्य में हिंसा समाप्त करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
कुकी जो समुदायों में थाडौ सबसे बड़ी उप-जनजाति है।
थाडौ इनपी जनजाति ने एक बयान में दावा किया कि राज्य में चल रहे हिंसक संघर्ष में इसके सदस्य सबसे अधिक प्रभावित और पीड़ित हैं, फिर भी वे शांति की वकालत करना जारी रखते हैं।
इसमें कहा गया कि लोगों की ‘अनकही पीड़ा’ को समाप्त करने तथा मणिपुर और राष्ट्र के हित में शांति आवश्यक है।
संगठन ने 10 कुकी विधायकों के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या वे विधायक थाडौ विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। विधायकों ने बयान में दावा किया था कि थाडौ और हमार का प्रतिनिधित्व करने का दावा कर रहे कुछ अतिवादी तत्व दीनहीन हैं।
इनमें से कई विधायक राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के हैं।
थाडौ इनपी ने दावा किया कि एक ही सरकार का समर्थन करते हुए या उसका हिस्सा बने रहते हुए, सरकार या अलग प्रशासन को बर्खास्त करने की मांग करना कोई मतलब नहीं रखता।
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