पटना, 19 नवंबर (भाषा) बिहार में 15 से अधिक कंपनियों ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में 200 करोड़ रूपये से अधिक के निवेश के लिए ‘निवेश के लिए प्रतिबद्धता’ फॉर्म पर हस्ताक्षर किए हैं।
बिहार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेश की आईटी नीति के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करने के लिए सोमवार को पटना के बेल्ट्रॉन में बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (बीएसईडीसी) की एक बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य राज्य के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विकास और निवेश को बढ़ावा देना है।
विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, बैठक में वेंडर और निवेशकों सहित उद्योग के प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया, जिन्हें नीति के उद्देश्यों, अवसरों और बिहार के तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल परिदृश्य में नवाचार की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी गई।
इस बैठक में आईटी, आईटीईएस और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रणाली डिजाइन एवं विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्रों की 40 से अधिक प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) और उपाध्यक्ष ने भाग लिया।
बैठक के दौरान15 से अधिक कंपनियों ने 200 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की मंशा जताई।
बैठक की अध्यक्षता सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने की।
सिंह ने राष्ट्रीय आईटी परिदृश्य में बिहार को एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
बिहार सरकार ने जनवरी में बिहार आईटी नीति, 2024 की शुरुआत की थी, जिसे राज्य के आईटी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), ईएसडीएम और डेटा सेंटर क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इस पहल के तहत सरकार आईटी नीति के तहत मिलने वाले प्रोत्साहनों पर चर्चा करने और संभावित निवेश को आकर्षित करने के लिए मुंबई, चंडीगढ़, कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु आदि जगहों पर निवेशकों और प्रमुख उद्योग हितधारकों के साथ बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित कर रही है।
बिहार आईटी नीति के तहत इस वर्ष 1,000 करोड़ से अधिक का निवेश राज्य में आने का अनुमान है।
इस बैठक को बिहार में तकनीकी उन्नति और आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बीएसईडीसी वेंडर की इस बैठक का उद्देश्य उन लोगों से जुड़ना था जो पहले से ही बिहार में कारोबार कर रहे हैं और जिन्हें आईटी नीति और खरीद वरीयता नीति के तहत लाभ के बारे में मार्गदर्शन दिया जा सकता है।
भाषा अनवर खारी अजय
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