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Friday, 22 November, 2024
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अनुकूल नीतियों की वजह से बिहार में तेजी से आगे बढ़ रहा है चमड़ा उद्योग

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कानपुर (उत्तर प्रदेश), 19 नवंबर (भाषा) बिहार को पूंजी सब्सिडी तथा कर्ज पर ब्याज छूट जैसी अपनी निवेशक अनुकूल नीतियों के जरिये राज्य में तेजी से बढ़ते चमड़ा उद्योग में निवेश आकर्षित करने में मदद मिली है। प्रचुर संसाधनों तथा मजबूत बुनियादी ढांचे से लैस इस राज्य ने कानपुर में 18 नवंबर को ‘बिहार चमड़ा निवेशक सम्मेलन’ का आयोजन किया। इसमें उद्योग जगत के लोगों, नीति-निर्माताओं और निवेशकों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में वैश्विक चमड़ा उद्योग केंद्र के प में निवेशकों की बढ़ती भूमिका को दर्शाया गया।

अधिकारियों और प्रेस विज्ञप्ति से मिली जानकारी के अनुसार, ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024’ के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य के प्रचुर संसाधनों, उन्नत बुनियादी ढांचे और प्रगतिशील नीतियों को प्रदर्शित किया गया, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में सतत विकास तथा नवोन्मेषण को बढ़ावा देना है।

राज्य ने वैश्विक चमड़ा उद्योग के निवेश को आकर्षित करने के लिए एक व्यापक नीतिगत ढांचे और आधुनिक बुनियादी ढांचे का अनावरण भी किया।

बिहार सरकार के उद्योग विभाग में उद्योग निदेशक आलोक रंजन घोष ने राज्य का दृष्टिकोण पेश करते हुए कहा, ‘‘बिहार में कपड़ा तथा चमड़ा उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं, क्योंकि इनमें रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। इस पहल से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन होगा जिनमें दूरदराज के इलाकों में या अन्य स्थानों पर काम करने वाले लोग भी शामिल हैं।’’

उन्होंने कहा कि राज्य ने बिहार की अपनी सफलता को दोहराने के लिए कानपुर में एक अध्ययन किया, साथ ही 30 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी जैसे प्रोत्साहनों का लाभ उठाया।

घोष ने कहा, ‘‘ इसके अलावा हम अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों की बड़ी संख्या में उपलब्धता, एक विशाल बाजार तक पहुंच, उत्कृष्ट संपर्क और चौबीसों घंटे जल तथा बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।’’

चमड़ा निर्यात परिषद के क्षेत्रीय चेयरमैन (केंद्रीय) अरशद इराकी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, ‘‘ चमड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार के प्रयास सराहनीय हैं और इसमें विकास की महत्वपूर्ण संभावनाएं हैं। बिहार उत्तरी क्षेत्र में विस्तार के लिए आवश्यक भूमि, संपर्क और मजबूत बुनियादी ढांचे की पेशकश करता है। पर्यावरण के अनुकूल चमड़ा इकाइयों (टेनरी) के साथ बिहार कानपुर और उन्नाव के एक प्रमुख विकल्प के रूप में उभर सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा लक्ष्य निर्यात को मौजूदा दो करोड़ अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 2027 तक पांच करोड़ डॉलर करना है। बिहार में परिचालन का विस्तार इस लक्ष्य को प्राप्त करने की कुंजी है।’’

उन्होंने कहा कि बिहार में अनुकूल नीतियों के साथ आधुनिक ढांचागत सुविधाएं भी हैं। राज्य में पूरी तरह तैयार 24 लाख वर्ग फुट के शेड हैं जिनका मासिक किराया चार से छह रुपये प्रति वर्ग फुट है। इसके अलावा राज्य के पास 1,600 एकड़ का भूमि बैंक हैं। मुजफ्फरपुर में चमड़ा उत्पाद पार्क है।

कंपीटेंस शूज के गौरव कुमार ने कहा कि सरकार के समर्थन से हमने बिहार में एक जूता-चप्पल विनिर्माण इकाई सफलतापूर्वक स्थापित की है। उन्होंने कहा कि हाजीपुर में स्थापित कंपनी की इकाई घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा करती है तथा साथ ही यहां से रूस को निर्यात भी किया जाता है।

स्टार इंटरनेशनल के मोहम्मद फैजल ने कहा, ‘‘मैं बिहार सरकार के दृष्टिकोण और मिशन से काफी प्रभावित हूं। पहली बार मैं देख रहा हूं कि राज्य औद्योगिक विकास के लिए आगे बढ़कर काम कर रहा है।’’

भाषा निहारिका अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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