नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) अपनी कार्यकुशलता, स्थिरता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रणाली कृत्रिम मेधा (एआई) को एकीकृत करने की संभावनाएं तलाश रहा है। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक (एमडी) शलभ गोयल ने यह बात कही।
गोयल ने एक लिखित साक्षात्कार में कहा कि डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी का विस्तार एनसीआरटीसी के लिए प्रमुख ध्यान वाला क्षेत्र है। इससे परियोजना निष्पादन के साथ यात्री सुविधा दोनों में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि निगम ने दुनिया में पहली बार एलटीई बैकबोन पर यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) लेवल-2 को लागू किया है, जिसमें स्वचालित ट्रेन सुरक्षा और स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण उप-प्रणालियां शामिल हैं। यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर’ को ईटीसीएस सिग्नलिंग सिस्टम के साथ भी एकीकृत किया गया है।
गोयल ने पीटीआई-भाषा से कहा, “शुरुआत से ही, एनसीआरटीसी ने वास्तव में यात्री-केंद्रित परियोजना को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है। हम दक्षता, स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अपने तंत्र में एआई को एकीकृत करने के अवसरों की सक्रिय रूप से खोज कर रहे हैं।”
गोयल ने कहा, “हमारा लक्ष्य एआई के उपयोग के जरिये परिसंपत्ति प्रबंधन में सुधार, कर्मचारी तैनाती को सुव्यवस्थित करना, परिचालन लागत को कम करना और सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने का है। इससे अंतत: हमारे परिचालन में दीर्घकालिक मूल्य और प्रदर्शन को बढ़ावा मिलेगा।”
गोयल के अनुसार, साहिबाबाद से मेरठ दक्षिण तक 42 किलोमीटर लंबे क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) पर नौ स्टेशन हैं। यह पहले से ही सार्वजनिक उपयोग के लिए खुला है। गलियारे के शेष हिस्से का निर्माण चल रहा है और इसके 2025 तक पूर्ण परिचालन शुरू करने की उम्मीद है।
दिल्ली खंड में सराय काले खां और न्यू अशोक नगर जैसे प्रमुख स्टेशन के लिए सिविल निर्माण कार्य पूरा होने वाला है। उत्तर प्रदेश खंड में पुल निर्माण कार्य पूरा होने वाला है।
उन्होंने कहा कि मेरठ में सभी तीन भूमिगत स्टेशनों पर सुरंग निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, तथा अंतिम काम चल रहा है।
गोयल ने कहा कि साहिबाबाद से मेरठ दक्षिण तक के परिचालन खंड में दैनिक यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कार्यालय जाने वालों, विद्यार्थियों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और कारोबार और अवकाश गतिविधियों के लिए यात्रा करने वालों द्वारा इसका अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
भाषा अनुराग अजय
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