नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) केंद्र ने गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गोवा और बिहार जैसे राज्यों को पशुधन टीकाकरण में तेजी लाने और खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी) मुक्त क्षेत्र स्थापित करने पर विशेष ध्यान देने के साथ रोग रिपोर्टिंग तंत्र को मजबूत करने का निर्देश दिया है।
एक सरकारी बयान में कहा गया कि बुधवार को केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान पशुपालन और डेयरी सचिव अलका उपाध्याय ने इन राज्यों में ‘सीरो-सर्विलांस’ (सीरो-निगरानी) बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बैठक में पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम सहित कई प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो प्रमुख पशुधन रोगों को लक्षित करने वाली केंद्र की प्रमुख योजना है।
उपाध्याय ने टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा, ‘‘राज्यों को मवेशियों, भैंस, भेड़ों और बकरियों के लिए छह-मासिक टीकाकरण चक्रों को समय पर पूरा करना सुनिश्चित करना चाहिए।’’
कार्यक्रम मुख्य रूप से एफएमडी, ब्रुसेलोसिस, पीपीआर और क्लासिकल स्वाइन फीवर जैसी बीमारियों को लक्षित करता है।
चारे की कमी के गंभीर मुद्दे पर बात करते हुए सचिव ने राज्यों से चारा उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों को तेज करने का आग्रह किया, तथा उत्पादन को अधिकतम करने के लिए वन क्षेत्रों के उपयोग का सुझाव दिया।
उन्होंने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन (एएचडीएफ)-किसान क्रेडिट कार्ड योजना के कार्यान्वयन में ‘धीमी प्रगति’ की ओर भी ध्यान दिलाया तथा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय करने को कहा।
बैठक में कई प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला गया जैसे कि सभी श्रेणियों में पशुधन बीमा कवरेज का विस्तार, डेयरी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सहकारी नेटवर्क का विस्तार, डेयरी प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि और उत्पाद विविधीकरण तथा 21वीं पशुधन जनगणना का सफल कार्यान्वयन आदि।
भाषा राजेश राजेश अजय
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