नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है क्योंकि नई खरीफ फसल की आवक शुरू हो गई है।
अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, प्याज का औसत अखिल भारतीय खुदरा मूल्य 54 रुपये प्रति किलोग्राम है और प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में सरकार द्वारा प्याज की सब्सिडी वाली बिक्री के बाद पिछले एक महीने में प्याज कीमतों में गिरावट आई है।
सरकार उपभोक्ताओं को ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए दिल्ली-एनसीआर और अन्य शहरों में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर खुदरा बाजार में बफर स्टॉक से प्याज बेच रही है।
सरकार के पास प्याज का 4.5 लाख टन का बफर स्टॉक है, जिसमें से अबतक 1.5 लाख टन का निपटान किया जा चुका है।
मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, बफर स्टॉक प्याज को पहली बार रेलवे के माध्यम से प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है और इससे आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिल रही है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘जब तक स्टॉक खत्म नहीं हो जाता और कीमतें स्थिर नहीं हो जातीं, तब तक हम बफर प्याज की थोक रेल ढुलाई जारी रखेंगे।’’
पिछले कुछ सप्ताह में दिल्ली, चेन्नई और गुवाहाटी को रेल रैक के जरिये करीब 4,850 टन प्याज की आपूर्ति की गई है। कीमतों के लिहाज से संवेदनशील दिल्ली के बाजार में अधिकतम 3,170 टन प्याज पहुंचाया गया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘सहकारी संस्था नाफेड द्वारा 730 टन का एक और रैक कल दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इससे उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें कम होंगी।’’
अधिकारी ने कहा कि पिछले दो दिन में प्याज की कीमतों पर अचानक दबाव देखने को मिला क्योंकि मंडियां बंद थीं और त्योहारी सत्र के कारण मजदूर छुट्टी पर थे। हालांकि, अब स्थिति में सुधार होने लगा है।
अधिकारी ने यह भी बताया कि उत्पादन कहीं अधिक होने की उम्मीद है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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