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Wednesday, 25 September, 2024
होमदेशराहुल गांधी ने गठबंधन सरकार बनने पर जम्मू-कश्मीर में आर्थिक विकास, रोजगार सृजन का वादा किया

राहुल गांधी ने गठबंधन सरकार बनने पर जम्मू-कश्मीर में आर्थिक विकास, रोजगार सृजन का वादा किया

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जम्मू, 25 सितंबर (भाषा) लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के 300 से अधिक कारोबारियों और पेशेवरों से मुलाकात की और उनसे गठबंधन सरकार बनने पर केंद्र शासित प्रदेश में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को सर्वोच्च महत्व देने का वादा किया।

गांधी ने यहां एक जनसभा में इस बैठक का जिक्र किया और कहा कि जब तक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा नहीं मिलेगा, तब तक जम्मू-कश्मीर में रोजगार के अवसर नहीं होंगे।

ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस (एआईपीसी) द्वारा यहां आयोजित ‘डोगरी धाम विद आरजी’ कार्यक्रम में गांधी ने वादा किया कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देगी।

एआईपीसी के एक बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि जम्मू-कश्मीर में बनने वाली कांग्रेस गठबंधन सरकार राज्य में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को सर्वोच्च महत्व देगी।’’

उन्होंने स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई प्रमुख नीतिगत प्रस्तावों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिनमें एमएसएमई के लिए पूंजी तक बेहतर पहुंच, निर्यात प्रोत्साहन और व्यवसायों पर कर-संबंधी बोझ को कम करने के उपाय शामिल हैं।

कार्यक्रम में 328 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें से एक तिहाई व्यवसाय मालिक थे और आधे निजी क्षेत्र के पेशेवर थे। कार्यक्रम को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया के कारण आयोजकों को क्षमता की कमी के कारण भागीदारी को सीमित करना पड़ा।

एआईपीसी ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान गांधी ने एक प्रश्नोत्तर सत्र में भाग लिया, जहां उपस्थित लोगों ने क्षेत्र में व्यवसायों के सामने आने वाली विशिष्ट चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

बाद में यहां एक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने जम्मू-कश्मीर में छोटे व्यवसायों के ‘‘संघर्षों’’ को रेखांकित किया और एमएसएमई क्षेत्र को सहयोग देने में ‘‘विफलता’’ के लिए भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार और उपराज्यपाल के अधीन प्रशासन की आलोचना की।

गांधी ने कार्यक्रम के दौरान मिली एक युवती की कहानी साझा की। गांधी ने कहा, ‘‘एक लड़की मेरे पास आई और उसने अपनी कहानी सुनाई। वह जम्मू में एक छोटा सा व्यवसाय शुरू करना चाहती थी। सरकार ने उससे कहा कि उसे अनुदान मिलेगा, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। उसके पिता को उसकी मदद के लिए आगे आना पड़ा।’’

उन्होंने कहा कि लड़की ने व्यापार शुरू करने की योजना बनाई लेकिन सहयोग की कमी के कारण उसने उम्मीद खो दी। गांधी ने कहा, ‘‘उसने मुझसे कहा, ‘मैंने अपना व्यवसाय खो दिया है। मैं अब कोई छोटा व्यवसाय नहीं चलाना चाहती, क्योंकि मुझे पता है कि जम्मू-कश्मीर में छोटे व्यवसाय सफल नहीं हो सकते।’’

कांग्रेस नेता ने न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश में अर्थव्यवस्था में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। गांधी ने कहा, ‘‘एमएसएमई हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। वे रोजगार प्रदान करते हैं और भविष्य हैं।’’

गांधी ने क्षेत्र में युवाओं के लिए सीमित अवसरों पर भी सवाल उठाया और कहा कि हालांकि एक छोटा प्रतिशत प्रशासनिक नौकरियां पा सकता है, लेकिन अधिकतर लोगों के पास करियर की संभावनाएं नहीं हैं।

गांधी ने पूछा, ‘‘उसने (लड़की ने) कहा कि वह नौकरी के लिए प्रशासन में जा सकती है, लेकिन कितने लोग प्रशासनिक भूमिका में जा सकते हैं? शायद पांच प्रतिशत। जम्मू एवं कश्मीर के शेष 95 प्रतिशत युवाओं का क्या होगा?’’

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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