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Sunday, 29 September, 2024
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एक मई : मजूदरों ने अपने हक के लिए आवाज उठाई

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नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) एक मई का दिन इतिहास में मजदूर दिवस के तौर पर दर्ज है। दुनिया में मजदूर दिवस मनाने का चलन करीब 135 साल पुराना है। मजदूरों ने काम के घंटे तय करने की मांग को लेकर 1877 में आंदोलन शुरू किया, इस दौरान यह दुनिया के विभिन्न देशों में फैलने लगा। एक मई 1886 को पूरे अमेरिका के लाखों मज़दूरों ने एक साथ हड़ताल शुरू की। इसमें 11,000 कारखानों के कम से कम तीन लाख अस्सी हज़ार मज़दूर शामिल हुए और वहीं से एक मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई।

पूरी दुनिया पर कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस की बात करें तो दो साल पहले 30 अप्रैल को देश में कोविड महामारी के कारण जान गंवाने वालों का आंकड़ा 1,152 पर पहुंच गया जबकि इस महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ते बढ़ते 35,565 हो गई।

देश दुनिया के इतिहास में एक मई की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

1886 : अमेरिका के शिकागो में कामगारों के लिए काम के घंटे तय करने को लेकर हड़ताल, मजदूर दिवस मनाने की शुरूआत।

1897 : स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

1908 : प्रफुल्ल चाकी ने मुजफ्फरपुर बम कांड को अंजाम देने के बाद खुद को गोली मारी। 1914 : कार निर्माता फोर्ड वह पहली कंपनी बनी जिसने अपने कर्मचारियों के लिए आठ घंटे काम करने का नियम लागू किया।

1923 : भारत में मई दिवस मनाने की शुरुआत। 1956 : जोनसा साल्क द्वारा विकसित पोलियो वैक्सीन जनता के लिए उपलब्ध कराई गई।

1960 : महाराष्ट्र और गुजरात अलग अलग राज्य बने।

1972 : देश की कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण।

2009 : स्वीडन ने समलैंगिक विवाह को मंजूरी दी।

2011 : अमेरिका पर 2001 के हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मारे जाने की पुष्टि।

2020 : देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 1,152 हो गई और संक्रमितों की संख्या बढ़कर 35,565 हो गई।

भाषा एकता नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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