नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और जर्मनी के डॉयशे फोर्सचुंग्सजेमइंशाफ्ट ई.वी. (डीएफजी) के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसके तहत दोनों संस्थाओं में विष विज्ञान, उपेक्षित (उष्णकटिबंधीय) रोग, असाधारण रोग और आपसी हित के अन्य क्षेत्रों सहित चिकित्सा विज्ञान/ स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग किया जायेगा ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई ।
सरकारी बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल को आईसीएमआर और जर्मनी के डीएफजी के बीच दिसम्बर 2021 में हस्ताक्षरित और भारत सरकार (व्यवसाय के लेन-देन) नियम 1961 की दूसरी अनुसूची के नियम 7 (डी) (1) के अनुरूप समझौता ज्ञापन से अवगत कराया गया।
इसके तहत विष विज्ञान, उपेक्षित (उष्णकटिबंधीय) रोग, असाधारण रोग और आपसी हित के अन्य क्षेत्रों सहित चिकित्सा विज्ञान/स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग शामिल है।
इसका उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में सहयोग में वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजनाओं के संयुक्त वित्त पोषण के साथ-साथ शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान, संयुक्त संगोष्ठियों, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का वित्त पोषण शामिल है ।
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